Move to Jagran APP

सेल्फ स्टडी की बदौलत एसबीआइ में पीओ बनीं वंदना

दरभंगा। बैंक की परीक्षाओं को पास करना अधिक कठिन नहीं। लेकिन यह तभी संभव है जब हम गंभीरता से इसकी तैयारी करें। निरंतर अभ्यास व अपने लक्ष्य के प्रति ²ढ़निश्चय ही हमें सफलता के द्वार तक पहुंचा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 11:50 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 11:50 PM (IST)
सेल्फ स्टडी की बदौलत एसबीआइ में पीओ बनीं वंदना
सेल्फ स्टडी की बदौलत एसबीआइ में पीओ बनीं वंदना

दरभंगा। बैंक की परीक्षाओं को पास करना अधिक कठिन नहीं। लेकिन, यह तभी संभव है जब हम गंभीरता से इसकी तैयारी करें। निरंतर अभ्यास व अपने लक्ष्य के प्रति ²ढ़निश्चय ही हमें सफलता के द्वार तक पहुंचा सकता है। ऐसा भी नहीं है कि बैंक सेवा में जाने के लिए कई वर्षों की तैयारी चाहिए। महज छह माह की तैयारी के बूते भी हम परीक्षा पास कर सकते हैं। लेकिन, यह जरूरी है कि इन छह माह में हम पूरी तरह डटकर तैयारी करें। परीक्षा के हर भाग पर पूरी तरह फोकस करें। अगर, हर भाग में पूरी तरह काम नहीं कर पा रहे हैं, तो आपका का जो मजबूत भाग है उस पर पूरा पकड़ जरूर होना चाहिए। ये उक्त बातें सेल्फ स्टडी की बदौलत एसबीआइ में बैंक पीओ बनी वंदना यादव ने कहीं। वंदना यादव दरभंगा शहर के प्रोफेसर कॉलोनी में रहती हैं। वंदना के पापा व चाचा हॉकर का काम करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी। वंदना तैयारी के लिए कोचिग संस्थान का फीस देने में समक्ष नहीं थीं। लेकिन, वंदना ने हिम्मत नहीं हारी, नेट पर उपलब्ध सामग्रियों को पढ़कर एक नहीं सात-सात प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की। वंदना ने बताया कि बैंकिग की परीक्षा पास करने के लिए मार्गदर्शन की आवश्यकता अन्य परीक्षाओं की अपेक्षा अधिक पड़ती है। ऐसे में हमें किसी कोचिग या किसी शिक्षकों की मदद पर ही निर्भर नहीं होना चाहिए। आजकल नेट पर सब कुछ उपलब्ध हैं उसका अध्ययन करके भी आप बैंक पीओ आराम से पास कर सकते हैं। मैं खुद नेट पर से ही सिलेबस डॉउनलाउड करके पढ़ी हूं। मैं किसी कोचिग संस्थान का सहारा नहीं ली। सेल्फ स्टडी करके एक साथ सात प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता पाई हूं। वंदना ने बैंक पीओ की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बताया कि बैंकिग की परीक्षा में गणित, रिजनिग, कंप्यूटर, इंग्लिश व सामान्य अध्ययन के प्रश्न पूछे जाते हैं। गणित व इंग्लिश 10वीं कक्षा के स्तर का होता है। रिजनिग भी उसी स्तर की होती है। सामान्य अध्ययन में आर्थिक व वित्तीय क्षेत्र से प्रश्न अधिक होते हैं। मसलन, बजट, आर्थिक सर्वे, विभिन्न योजनाओं में राशि के आवंटन आदि से संबंधित प्रश्न अधिक पूछे जाते हैं। परीक्षा में सवालों को हल करते वक्त हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि गलत उत्तर के लिए हमारे अंक कटते भी हैं। ऐसे में हमें उत्तर देते समय सचेत रहना चाहिए। जिन प्रश्नों के उत्तर को लेकर हम निश्चित नहीं हो, वैसे प्रश्नों को छोड़ देना ही उचित होगा।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.