मांग एवं आपूर्ति के अनुकूल विद्युत विभाग में संसाधनों का टोटा
राज्य सरकार अपनी घोषणा को अमली जामा पहनाने की कवायद में तो जुटी हुई है। परंतु इस योजना के तहत विद्युत संबंधन से गांव-गांव को आच्छादित करने के अनुपात में कहीं भी मांग के अनुकूल संसाधन की व्यवस्था नहीं कर रही है।
दरभंगा। राज्य सरकार अपनी घोषणा को अमली जामा पहनाने की कवायद में तो जुटी हुई है। परंतु इस योजना के तहत विद्युत संबंधन से गांव-गांव को आच्छादित करने के अनुपात में कहीं भी मांग के अनुकूल संसाधन की व्यवस्था नहीं कर रही है। इसका खामियाजा इस भीषण गर्मी में उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। क्षेत्र के उपभोक्ता बेहाल हैं लेकिन विभाग के पास इसका निदान नहीं है। मुख्यमंत्री विद्युत संबंध निश्चय योजना ने हालात को और बेकाबू बना दिया है। उपभोक्ताओं की संख्या शिविर के माध्यम से लगातार बढ़ती जा रही है। न नए ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे हैं और न ही पुराने जर्जर तारों को बदला जा रहा है। दिनों दिन स्थिति बदतर होती जा रही है। विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपभोक्ताओं की एक भी नहीं सुन रहे हैं। बिजली की आंख मिचौनी ने करीब सप्ताह भर से हनुमाननगर में पोअरिया पावर हाउस से जुड़े उपभोक्ताओं को नाको दम कर दिया है। शाम होते ही बिजली ट्रि¨पग एवं ब्रेक डाउन की समस्याओं से प्रखंड क्षेत्र के करीब तीन दर्जन लोग हलकान बने हुए हैं। इससे स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। नियमित बिजली आपूर्ति नहीं होने से लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। दिन भर बिजली का आना-जाना लगा रहता है। रुपौली गांव के करीब डेढ़ हजार की आबादी को एक सप्ताह से पोअरिया पावर हाउस के कर्मचारियों द्वारा सुचारु रूप से विद्युत संबंध बहाल करने के नाम पर छला जा रहा है। लोग दिन में किसी तरह गर्मी को झेल लेते हैं। लेकिन रात में रातजगा के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं है। ग्रामीण सत्यवर्द्धन चौधरी,कामेश्वर राय,राजेन्द्र राय, बंगाली ठाकुर, रामश्रेष्ठ कापर समेत दर्जनों लोगों ने कहा कि बिजली की यदि ऐसी ही स्थिति रही तो बाध्य होकर हमलोगों को विभाग के खिलाफ सड़क पर उतरने की मजबूरी होगी। जिसकी सारी जवाबदेही बिजली विभाग की होगी। कोट कुछ तकनीकी खराबी के कारण इस प्रकार की समस्याएं आ गई हैं। जल्द ही इसका समाधान कर लिया जाएगा।
-पंकज कुमार, विद्युत कनीय अभियंता।