बंदी की आत्महत्या पर उठे सवाल, न्यायिक जांच की घोषणा से जगी उम्मीद
दरभंगा मंडल कारा के सुरक्षा सेल में बंदी भोलू सिंह उर्फ आशु रंजन सिंह की आत्महत्या का मामला लोगों को पच नहीं रहा है। हालांकि प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड के रिपोर्ट के आधार पर मंडल कारा प्रशासन को क्लीन चिट दे दी है।
दरभंगा । दरभंगा मंडल कारा के सुरक्षा सेल में बंदी भोलू सिंह उर्फ आशु रंजन सिंह की आत्महत्या का मामला लोगों को पच नहीं रहा है। हालांकि, प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड के रिपोर्ट के आधार पर मंडल कारा प्रशासन को क्लीन चिट दे दी है। लेकिन, मंडल कारा के सुरक्षा सेल में किसी बंदी का आत्महत्या करना भी प्रशासन को ही कठघरे में खड़ा कर रहा है। अति सुरक्षित सेल तक रस्सी का पहुंचना और उस पर किसी बंदी का लटक जाना, ऐसा घटनाक्रम है जिस पर सवाल उठना लाजिमी है। ऐसे कई सवाल हैं जिसे जानने के लिए लोगों में जिज्ञासा बनी हुई है। कोई बंदी खिड़की से लटक कर बिना कोई कारण अपनी जान दे देगा यह समझ से परे है। सूत्रों के अनुसार खिड़की की ऐसी ऊंचाई है जो मृत बंदी की लंबाई से कम है। इस बीच न्यायिक जांच की घोषणा से परिजनों में इंसाफ उम्मीद जगी है। घटना के बाद जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मुलाकातियों को बंदी से मिलने नहीं दिया गया।
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आश्वासन पर परिजनों ने लिया शव :
जेल प्रशासन ने मृत बंदी के पिता को लिखित रूप से घटना की जानकारी दी। पत्र में मृतक के पिता और गांव का नाम गलत अंकित था। इसे देखते ही पिता शंभू प्रसाद सिंह ने जेल प्रशासन पर कई सवाल उठाए। आक्रोशित होकर पुत्र का शव लेने से इंकार कर दिया। हालांकि, एसएसपी बाबू राम के आश्वासन पर शव लेने को तैयार हो गए। एसएसपी ने कहा कि निष्पक्ष रूप से मामले की जांच की जाएगी।
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दोनों बड़े भाई उसी जेल में हैं बंद :
मृत बंदी भोलू उर्फ आशु रंजन सिंह के दोनों बड़े भाई दरभंगा मंडल कारा में ही बंद हैं। बड़ा भाई शशिरंजन सिंह और बीच वाले प्रियरंजन सिंह हत्या मामले में जेल में है। यह संयोग ही था तीनों भाई जेल में एक साथ बंद थे। लेकिन, छोटे भाई के अंतिम संस्कार में दोनों शामिल नहीं हो पाए।
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चोरी की बाइक बेचने में हुई थी गिरफ्तारी :
बंदी भोलू उर्फ आशु रंजन सिंह की गिरफ्तारी 24 फरवरी 2019 को बहादुरपुर पुलिस ने की थी। 21 दिसंबर 2018 को पंडासराय में चोरी की बाइक खरीद और बिक्री करने की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी की थी। जिसमें पांच बाइक सहित चार बदमाशों की गिरफ्तारी हुई थी। इसमें वह कुछ दिनों तक फरार था।
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अभिषेक झा से तीनों भाइयों का था विवाद :
लहेरियासराय थाने के बलभद्रपुर मोहल्ला निवासी अधिवक्ता तंत्रनाथ ठाकुर के नाती अभिषेक और मृत बंदी के तीनों भाइयों के बीच विवाद चल रहा था। पिता ने अभिषेक पर साजिश रचकर हत्या कराने का आरोप लगाया है। इस बीच सख्त सुरक्षा के बीच शव को सिनुआर गांव लाया गया। शव पहुंचते ही कोहराम मच गया। परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे।