गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल से बात करना जानलेवा, रहे सावधान
सड़क पर चलते और गाड़ी चलाते वक्त अक्सर लोग मोबाइल फोन का उपयोग करते नजर आते है। यह बेहद खतरनाक हो सकता है।
दरभंगा । सड़क पर चलते और गाड़ी चलाते वक्त अक्सर लोग मोबाइल फोन का उपयोग करते नजर आते है। यह बेहद खतरनाक हो सकता है। दोनों की सूरत में मोबाइल फोन का उपयोग जानलेवा है। इतना ही नहीं, कार चलाते वक्त तेज आवाज में गाना सुनना भी जान के लिए खतरनाक है। गाड़ी चलाते वक्त कई तरह की सावधानियां बरतनी होती है। दैनिक जागरण के कार्यक्रम सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान आम लोगों से यह अपील कर रहे है कि वे गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन का उपयोग न करें। इससे ध्यान भटकता है। जब आप गाड़ी चला रहे होते है और मोबाइल फोन से बात कर रहे होते है तो आपका ध्यान बात करने पर होता है। आपका ध्यान सड़क पर चलती गाड़ियों और पैदल राहगीरों की ओर नहीं होता। इससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। वहीं तेज आवाज में म्यूजिक सुनना भी बेहद खतरनाक साबित होता है। तेज आवाज के कारण पीछे से आ रही गाड़ियों का हॉर्न आपको सुनाई नहीं देता, इसके कारण भी दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। यह आम बात है कि गाड़ी चाहे वह दोपहिया वाहन हो या फिर चार पहिया वाहन बगल में बैठे लोगों से लोग बात करने लगते है। इससे भी ध्यान का भटकाव होता है। बात करते वक्त चालक का चेहरे बगल बैठे सहपाठी की ओर होता है। इसके कारण सामने से आ रही गाड़ियों की ओर उनका ध्यान नहीं जाता। एकाएक ब्रेक लगाने के कारण दुर्घटना की संभावना प्रबल हो जाती है। कई मामलों में तो चालक और आगे बैठे लोगों की मौत तक हो जाया करती है।
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कहते हैं लोग :
लहेरियासराय गुदरी बाजार के प्रमोद कुमार मिश्रा ने बताया कि एक बार वे बाइक से बहेड़ी की ओर जा रहे थे। इस दौरान वे पीछे बैठे अपने भाई से कुछ बात करने के लिए मुड़े। इतने में ही सामने से आ रही एक साइकिल पर उन्होंने टक्कर मार दी। इस घटना में साइकिल सवार घायल हो गया। किसी तरह उसका चेकअप कराकर उसे घर भेजा। बताया कि उसके बाद से वे कभी गाड़ी चलाते वक्त बात नहीं करते। मिश्रीगंज के राहुल पाठक ने बताया कि गाड़ी चलाते वक्त अब वे अपने मोबाइल को नहीं उठाते। गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल से बात करने के कारण एक वर्ष पूर्व उनका एक्सीडेंट हो गया था। तब से उन्होंने यह प्रण ले लिया कि वे गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल से बात नहीं करेंगे। बड़ा बाजार के राहुल तुलसीयान ने बताया कि कार चलाते वक्त ऊंची आवाज में गाना सुनने के शौकीन थे। एक बार की बात है, वे अपने मित्रों के साथ पटना जा रहे थे। गायघाट से आगे पीछे से आ रही सेंट्रो कार का हॉर्न उनको सुनाई नहीं दिया। पीछे से आ रही गाड़ी हॉर्न देकर आगे निकलना चाह रही थी, लेकिन जैसे ही पीछे वाली गाड़ी ने ओवरटेक किया, उन्होंने भी गाड़ी मोड़ दी। बस दोनों गाड़ी एक-दूसरे से टकरा गई। हालांकि इस दुर्घटना में किसी को कुछ नहीं हुआ। बस उन्होंने यह ठान लिया कि अब धीमी आवाज में गाड़ी चलाते वक्त गाना सुना करेंगे।
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