अधवारा समूह की नदी पर सिघिया घाट में चचरी का ही सहारा
सूबे में विकास की रफ्तार ने केवटी प्रखंड क्षेत्र की कई पुल-पुलियों तथा चचरी की तस्वीर बदल दी।
दरभंगा । सूबे में विकास की रफ्तार ने केवटी प्रखंड क्षेत्र की कई पुल-पुलियों तथा चचरी की तस्वीर बदल दी। मगर कोठिया पंचायत के बाजितपुर-टेकटार मार्ग के सिघिया घाट में अधवारा समूह की नदी पर चचरी का ही सहारा है। इसे आज भी तारणहार की तलाश है। राजनेता तथा जनप्रतिनिधियों के कोरे आश्वासन के बीच जन आकांक्षा वर्षों से दफन होती चली आ रही है। यही कारण है कि आज यह अतीत की कहानी बनकर रह गई है। सरकारी स्तर पर पुल का निर्माण नहीं होते देख ग्रामीणों ने जनसहयोग से इस नदी पर चचरी पुल का निर्माण कराया। सबसे अधिक परेशानी लोगों को बाढ़ के समय में होती है। तेज धारा में चचरी पुल के बह जाने से लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ता है। पुल निर्माण नहीं होने से कोठिया पंचायत के त्रिमुहान, बग्धा, भतौरा, पचमा, मंगरथू, बाजीतपुर, कोठिया, सादिकपुर आदि गांवों के लोगों को करीब 15 से 20 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर मुहम्मदपुर होकर रजिस्ट्री ऑफिस, थाना एवं बाजार आदि कामों के लिए कमतौल आना पड़ता है। इसके पड़ोसी पंचायत असराहा व जलवारा के लोगों को भी जमीन रजिस्ट्री के काम से कमतौल आना पड़ता है। आसन्न लोकसभा चुनाव में यह चुनावी मुद्दा बन सकता है। कभी बन सकता है बड़े हादसे का कारण : सिघिया घाट पर अधवारा समूह की नदी पर पुल बनना आवश्यक है। पुल नहीं रहने से लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर चचरी से गुजरना पड़ता है। यह कभी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
--रामप्रकाश साह, पूर्व पंसस। पुल निर्माण के लिए कई बार प्रयास किया गया पर कोई फायदा नहीं हुआ। जनहित में पुल निर्माण आवश्यक है।
-धनेश्वर यादव बाढ़ में चचरी पुल बह जाने से नाव के अलावा दूसरा विकल्प नहीं बचेगा। आमजन के हित में पुल निर्माण आवश्यक है।
-मगनू साह पुल निर्माण की दिशा में आज तक किसी ने सुध नहीं ली। जबकि हजारों लोग इस पर आश्रित हैं।
--परमेश्वर साह