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सीमा पर ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था का अध्ययन करें

दरभंगा । राष्ट्रीय सीमा पर ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर जिस तरह की व्यवस्था देश में लागू है

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 12:23 AM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 12:23 AM (IST)
सीमा पर ट्रेनों की सुरक्षा  व्यवस्था का अध्ययन करें
सीमा पर ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था का अध्ययन करें

दरभंगा । राष्ट्रीय सीमा पर ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर जिस तरह की व्यवस्था देश में लागू है, उनका अध्ययन कर उसे धरातल पर उतारें। उक्त बातें रेलवे सुरक्षा बल के पुलिस महानिदेशक अरुण कुमार ने सोमवार को दरभंगा जंक्शन के निरीक्षण के क्रम में आरपीएफ अधिकारियों से कही। कहा कि जिस प्रकार बाघा बोर्डर से समझौता एक्सप्रेस और बांग्लादेश के लिए मित्रता एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है, ठीक उसी प्रकार नेपाल जाने वाली ट्रेनों का परिचालन भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने रेलवे ट्रैक के आसपास छठ या अन्य पर्व के होने वाले आयोजनों के मद्देनजर अधिकारियों को इसकी सूची बनाने तथा सजग रहने का निर्देश दिया। कहा कि घटनाओं से सीख ट्रेन हादसे पर लगाम लगाई जा सकती है। डीजी ने कहा कि जल्द ही स्टेशनों की सुरक्षा को लेकर सीसीटीवी और अन्य उपकरण लगाएं जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था का ब्लू ¨प्रट तैयार करने का निर्देश दिया। इससे पूर्व आरपीएफ की ओर से डीजी को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद डीजी सीधे आरपीएफ पोस्ट पहुंचे। जहां उन्होंने अधिकारियों के साथ मंत्रणा की। डीजी ने आरपीएफ इंस्पेक्टर से पोस्ट के बारे में जानकारी ली। सुरक्षा सम्मेलन के दौरान आरपीएफ अधिकारियों और कर्मियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कुमार ने आरपीएफ बैरकों, पोस्ट आदि का निरीक्षण किया। मौके पर समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम आरके जैन, आरपीएफ कमांडेंट अंशुमान त्रिपाठी, रेल एसपी, डीएसपी स्मिता सुमन, आरपीएफ इंस्पेक्टर विनोद कुमार विश्वकर्मा के अलावा सीतामढ़ी, रक्सौल, समस्तीपुर, नरकटियागंज स्थानों के आरपीएफ अधिकारी मौजूद थे।

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दरभंगा हॉल में लगी पें¨टग्स को देख हुए अभिभूत : अपने निरीक्षण के क्रम में आरपीएफ डीजी कुमार जंक्शन पर बने दरभंगा हॉल पहुंचे। जहां उन्होंने दरभंगा राज घराने से संबंधित ऐतिहासिक तस्वीरों को देखा। इस दौरान अपने अतीत को देख भाव-विभोर हो उठे। कहा कि बीस और तीस के दशक में दरभंगा की सांस्कृतिक विरासत काफी समृद्ध थी। हमें अपने गौरवशाली अतीत को फिर से वापस लाना होगा। इस दौरान उन्होंने लनामिविवि की ओर से बनाए जा रहे मिथिला ग्राम का भी दीदार किया। कहा कि यहां की मिथिला पें¨टग ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी नाम कमाया है। खासकर जबसे रेलवे ने बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट ट्रेन और मधुबनी जंक्शन को पूरी तरह से मिथिला पें¨टग से सुसज्जित कर दिया है। इसे देखते हुए अब राजस्थान की लोक कला सामने आ रही है। कहा कि यह काफी अच्छा प्रयास है। मौके पर लनामिविवि के कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय, क्रीड़ा पदाधिकारी प्रो. अजयनाथ झा, हेरीटेज फोटोग्राफर संतोष कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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दरभंगा जंक्शन का नजारा कुछ बदला-बदला सा : डीजी के आगमन को लेकर दरभंगा जंक्शन का नजारा बदला-बदला सा नजर आ रहा था। आमदिनों में काफी चहल-पहल रहने वाला जंक्शन आज काफी व्यवस्थित दिख रहा था। न कोई भीड़, न ही गंदगी। स्टेशन आने वाले यात्री एक मिनट के लिए यह सोचने पर मजबूर हो गए कि क्या यहीं दरभंगा जंक्शन है? स्टेशन परिसर के मुख्य गेट और आसपास गाड़ियों को लगाने की मनाही थी। हालांकि डीजी ने इसकी प्रसन्नता करते हुए कहा कि पहले की अपेक्षा जंक्शन पर काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। पार्किंग से लेकर अन्य व्यवस्थाएं सुसज्जित नजर आ रही है।


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