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जाप, एनएसयूआइ, एआइएसएफ, छात्र जदयू व छात्र सेना आए एक मंच पर

जासं दरभंगा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में हो रहे छात्र संघ चुनाव को लेकर छात्र संगठन जीत का समीकरण बनाने में जुट चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 12:24 AM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 01:22 AM (IST)
जाप, एनएसयूआइ, एआइएसएफ, छात्र जदयू व छात्र सेना आए एक मंच पर
जाप, एनएसयूआइ, एआइएसएफ, छात्र जदयू व छात्र सेना आए एक मंच पर

जासं, दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में हो रहे छात्र संघ चुनाव को लेकर छात्र संगठन जीत का समीकरण बनाने में जुट चुके हैं। शनिवार को चार संगठनों ने मिलकर वाम-जनवादी गठबंधन की घोषणा की थी। वहीं, सोमवार को पांच छात्र संगठन एक साथ आगे आए। जन अधिकार छात्र परिषद, छात्र जदयू, एनएसयूआई, एआइएसएफ व छात्र सेना के प्रतिनिधियों ने सोमवार को बैठक कर गठबंधन की घोषणा कर दी है। इनमें से एआइएसएफ पहले वाम-जनवादी गठबंधन में शामिल रहा, लेकिन सोमवार को यह संगठन नए गठबंधन में शमिल हो गया है। बैठक में सर्वसम्मति से पांचों छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि सेंट्रल पैनल में अपनी मजबूत दावेदारी के साथ चुनाव लड़ा जाएगा। इन संगठनों के बीच उम्मीदवारों का चयन पर भी विचार विमर्श हुआ। सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद जन अधिकार छात्र परिषद को, महासचिव पद छात्र जदयू को, उपाध्यक्ष पद एआइएसएफ को, संयुक्त सचिव का पद छात्र सेना को और कोषाध्यक्ष का पद एनएसयूआई के खाते में जाने पर सहमति बनी। बैठक में जन अधिकार छात्र परिषद के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष दीपक झा ने कहा कि लगातार मिथिला विश्वविद्यालय में दो बार से सेंट्रल पैनल पर वैसे संगठन का कब्जा रहा जो तमाम षड्यंत्र को रच कर धनबल, बाहुबल के सहारे हावी होकर फर्जीवाड़े तरीकों से छात्र को बरगलाते रहे हैं। जिस संगठन के प्रतिनिधि बाद में फर्जी साबित होते हैं और जिसका खामियाजा आम छात्रों को भुगतना पड़ता है। लेकिन, इस बार ऐसा नहीं होगा। इस बार काउंसिल मेंबर ऐसे संगठन को चुनाव में मजा चखाएंगे। बैठक में जन अधिकार छात्र परिषद के दीपक झा, परिषद सदस्य देवेंद्र यादव, छात्र जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष शंकर सिंह, प्रदेश महासचिव सुभाष यादव, विश्वविद्यालय उपाध्यक्ष विशाल चौधरी, एनएसयूआइ के विश्वविद्यालय अध्यक्ष प्रहलाद कुमार, एआइएसएफ के चुन्नु ठाकुर, छात्र सेना के राहुल राज, अरुण बिहारी सहित इन संगठनों के कई छात्र नेता शामिल रहे। इधर, एआइएसएफ के इस खेमे में आने से वाम-जनवादी गठबंधन का समीकरण बिगड़ चुका है। अब इस गठबंधन में केवल तीन संगठन रह गए हैं। अब देखना है कि ये तीन संगठन भी इन पांच संगठनों के प्रगतिशील गठबंधन में शामिल होता है या अलग रहता है। सूत्रों की मानें तो चुनावी समीकरण में अभी और परिवर्तन हो सकता है। लेकिन, एक बार नामांकन हो जाने के बाद तीर निकल जाएगा। इसलिए जो भी होगा वह नामांकन से पहले ही करना होगा। अगर ये दोनों गठबंधन कायम रह जाते हैं तो विवि पैनल में हर पद पर चार-चार प्रत्याशी होने की संभावना बन रही है, क्योंकि मिथिला स्टूडेंट यूनियन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इनमें से किसी गठबंधन में शामिल नहीं है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि यदि दोनों गठबंधन आपस में मिल जाते हैं तो अभाविप के लिए चुनावी मैदान में बाजी मारना इस बार बेहद कठिन हो जाएगा।

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