दरभंगा में बिना नीट उत्तीर्ण छात्रों का आयुर्वेद में नामांकन करने के मामले की जांच करेगी विशेष टीम
कुलसचिव डा. सत्येंद्र नारायण सिंह ने भी मई माह में ही कहा था कि ऐसा जालसाजी का नमूना सभी को भी देखना चाहिए। दुनिया का संस्कृत विश्वविद्यालय ऐसा इकलौता विश्वविद्यालय है जहां बगैर नीट पास किए 29 छात्रों का नामांकन लिया गया।
दरभंगा, जासं। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध सिवान के दयानंद आयुर्वेद मेडिकल कालेज अस्पताल में बिना नीट उत्तीर्ण 29 छात्रों का नामांकन, उसकी परीक्षा का आयोजन व रिजल्ट प्रकाशन के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा. सिद्धार्थ शंकर सिंह व अन्य की शिकायत पर कुलाधिपति ने इन सारे मामलों को गंभीरता से लिया है। सभी पहलुओं की जांच के लिए उच्च स्तरीय तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठन कर दी है। जांच कमेटी का अध्यक्ष तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जवाहर लाल बनाए गए हैं। कमेटी के अन्य सदस्यों में जेपी विश्वविद्यालय के एफओ जमाल अब्दुल नसीर एवं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के एफओ केशरी विजय मिश्रा शामिल हैं।
कमेटी जांच करने को 16 सितंबर यानि शुक्रवार को संस्कृत विश्वविद्यालय मुख्यालय पहुंचेगी। कमेटी के आगमन की सूचना से यहां कई पदाधिकारियों की सांसें अभी से फूलने लगी है। राजभवन से दो सितंबर 2022 को कुलपति, प्रतिकुलपति व कुलसचिव के नाम जारी अधिसूचना में साफ किया गया है कि इस मामले में जांच व जिम्मेदारी तय किया जाना जरूरी है। बताया गया है कि बिना नीट पास किए उक्त छात्रों का सत्र 2019 में नामांकन को लेकर कालेज शासी निकाय पर भी समुचित कार्रवाई की जानी है। राज्यपाल के प्रधान सचिव आरएल चोंग्थू ने कहा है कि कुलाधिपति ने संस्कृत विश्वविद्यालय से संबंधित पदाधिकारियों पर गहन जांच के बाद इस मामले में जिम्मेदारी तय करते हुए उनके विरुद्ध समुचित कार्रवाई करने को कहा है।
प्रतिकुलपति प्रो. सिद्धार्थ शंकर सिंह ने न सिर्फ उक्त नामांकन को अवैध बता चुके हैं बल्कि ऐसे छात्रों के परीक्षाफल को भी गलत करार दे चुके हैं। बीते अप्रैल माह में आयोजित परीक्षा परिषद में भी उन्होंने इस मामले में अपनी विसम्मति देकर सुधारने का मौका दिया था। वहीं कुलसचिव डा. सत्येंद्र नारायण सिंह ने भी मई माह में ही कहा था कि ऐसा जालसाजी का नमूना सभी को भी देखना चाहिए। दुनिया का संस्कृत विश्वविद्यालय ऐसा इकलौता विश्वविद्यालय है जहां बगैर नीट पास किए 29 छात्रों का नामांकन लिया गया। फिर 10 नकल करते पकड़े गए छात्रों की भी परीक्षा लेकर खानापूर्ति कर डाक्टर की डिग्री दे दी गई है, यह भी सभी को संज्ञान में होना चाहिए।