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भविष्य की चुनौतियों का सामना करने को जल संचय आवश्यक

स्थानीय चंद्रधारी मिथिला विज्ञान महाविद्यालय में छात्र संघ की ओर से वर्षा जल संचय - समस्याएं एवं चुनौतियां विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन गुरुवार को किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 01:27 AM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 01:27 AM (IST)
भविष्य की चुनौतियों का सामना करने को जल संचय आवश्यक
भविष्य की चुनौतियों का सामना करने को जल संचय आवश्यक

दरभंगा । स्थानीय चंद्रधारी मिथिला विज्ञान महाविद्यालय में छात्र संघ की ओर से वर्षा जल संचय - समस्याएं एवं चुनौतियां विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन गुरुवार को किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन वरीय उप समाहर्ता पुष्पिता झा, प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. योगेंद्र झा एवं कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशोक कुमार झा ने किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता अवनीश चौधरी, एमएमटीएम कॉलेज के डॉ. सुमन कुमार झा, रसायनशास्त्र विभाग की निधि झा एवं सामाजिक कार्यकर्ता कुमार अनुराग उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि एडीएम पुष्पिता झा ने कहा कि वर्षा जल संचय हमारे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में हमारी मदद करेगा। हमें आहर, पोखर, तालाबों को संरक्षित कर वर्षा जल का संरक्षण करना चाहिए, ताकि भविष्य में जल संकट से बचा जा सके। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशोक कुमार झा ने बताया कि आने वाले दिनों में जल संकट एक व्यापक समस्या के रूप में हमारे समक्ष खड़ा होने वाला है। देश के प्रत्येक नागरिक को इस समस्या के प्रति सचेत होने की आवश्यकता है। सामाजिक कार्यकर्ता कुमार अनुराग ने बताया कि जल संकट से उबरने के लिए वर्षा जल का संचय करने की आवश्यकता है और इसके लिए नए वैज्ञानिक प्रयोगों को जन समुदाय के बीच ले जाना होगा। प्रधानाचार्य डॉ. योगेंद्र झा ने कहा कि वर्षा जल का संचय और इसका उपयोग भविष्य में उत्पन्न होने वाले जल संकट से उबरने में हमारी मदद करेगा। उन्होंने खेतों में रसायनिक खाद के बदले जैविक खाद का उपयोग करने पर बल देते हुए कहा कि जैविक खाद के उपयोग से खेतों में किसानों के मित्र केंचुए होते हैं जो वर्षा जल के संचय में किसानों की मदद करते हैं। रसायन शास्त्र की व्याख्याता निधि झा ने बताया कि पौधारोपण के द्वारा जल संरक्षण किया जा सकता है। साथ ही, उन्होंने छात्रों से अपने घरों में वर्षा जल के संचय के लिए छोटे-छोटे टैंक बनाने की अपील की। इस महत्वपूर्ण विषय पर सेमिनार आयोजित करने के लिए अवनीश चौधरी ने छात्रसंघ की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियों का आयोजन करने से छात्रों में सामाजिक जागरूकता एवं नैतिक जिम्मेवारी का विकास होता है। कार्यक्रम में विगत एक सप्ताह से चले आ रहे मिथिला पेंटिग प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन अंकिता श्रीवास्तव एवं धन्यवाद ज्ञापन छात्रसंघ परिषद सदस्य राहुल राज ने किया। मौके पर पेंटिग की शिक्षिका जनक नंदिनी झा, प्रिस कुमार, सूरज कुमार पासवान, अनुराग कुमार, हर्ष कुमार, वसीम, अंजना कुमारी, संध्या कुमारी, छात्र संघ के सभी सदस्य समेत बड़ी संख्या में कॉलेज के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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