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बच्ची की मौत के बाद हायाघाट में बवाल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं चिकित्सक आवास में तोड़फोड़

इलाज के दौरान डायरिया पीड़ित बच्ची की मौत से आक्रोशित लोगों ने बुधवार को हायाघाट में जमकर बवाल काटा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं एक चिकित्सक के किराये के आवास में जमकर तोड़फोड़ की। चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी जान बचाकर भाग खड़े हुए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 01:42 AM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 06:32 AM (IST)
बच्ची की मौत के बाद हायाघाट में बवाल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं चिकित्सक आवास में तोड़फोड़
बच्ची की मौत के बाद हायाघाट में बवाल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं चिकित्सक आवास में तोड़फोड़

दरभंगा । इलाज के दौरान डायरिया पीड़ित बच्ची की मौत से आक्रोशित लोगों ने बुधवार को हायाघाट में जमकर बवाल काटा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं एक चिकित्सक के किराये के आवास में जमकर तोड़फोड़ की। चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी जान बचाकर भाग खड़े हुए। लोगों ने दो जगहों पर बांस-बल्ला लगाकर सड़क जाम कर दिया। समझाने पहुंचे हायाघाट बीडीओ राकेश कुमार एवं सीओ कमल प्रसाद साह को भी आक्रोश का शिकार होना पड़ा। आक्रोशित लोगों के रौद्र रूप को देख पुलिस मूकदर्शक बनी रही। बाद में जिला मुख्यालय से पहुंची दंगा नियंत्रण दस्ता के जवानों ने आक्रोशितों पर काबू पाया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ललित कुमार लाल ने बताया कि जिला मुख्यालय में मीटिग में आए हुए हैं। लौटने पर स्थिति का आकलन कर उपद्रवियों के विरुद्ध प्राथमिकी की कार्रवाई होगी।

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जानकारी के अनुसार, समस्तीपुर जिले के हसनपुर थाने के भटवन निवासी नीतीश यादव की पुत्री आकृति कुमारी(6) हायाघाट के पौराम पंचायत के रजौली में अपनी मौसी के यहां आई थी। रजौली के कारी यादव की पत्नी अनीता देवी उसकी मौसी है। रात से उसे दस्त की शिकायत हुई। सुबह करीब 11:00 बजे मौसी अनीता देवी उसे लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। मौके पर मौजूद डॉ. शारिक हुसैन ने उसकी चिकित्सा शुरू की। पीएचसी पर भी एक बार उसे उल्टी हुई। उल्टी रोकने के लिए बच्ची को एक इंजेक्शन दिया गया। करीब 10 मिनट बाद उसने दम तोड़ दिया। डॉ. हुसैन के अनुसार, बच्ची की स्थिति खराब थी। उल्टी पर काबू पाने के लिए इंजेक्शन दिया गया था। उल्टी रुकने पर आगे उसका इलाज शुरू होता, इससे पहले उसकी मौत हो गई। कुछ देर में यह सूचना जैसे ही फैली, आसपास के लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया। इसके बाद लोगों ने पीएचसी के आउटडोर, इनडोर, इमरजेंसी, पैथालॉजी लैब, महिला वार्ड, एनबीसीसी कक्ष आदि में जमकर तोड़फोड़ की। कई कमरों का शीशा के साथ तमाम उपस्करों को क्षतिग्रस्त कर दिया। आक्रोशित करीब हजार लोगों ने पीएचसी के सामने और हायाघाट बाजार के मुख्य चौराहे पर बांस-बल्ला लगाकर जाम कर दिया। आवास से जान बचाकर भागे डॉ. पंचानन :

पीएचसी से करीब सौ मीटर की दूरी पर किराये के मकान में रह रहे डॉ. वसंत कुमार पंचानन को निशाना बनाया। चिकित्सक डॉ पंचानन जान बचा के भाग निकले। लेकिन, उनके आवास में भी जमकर तोड़फोड़ हुई। मुख्यालय से दंगा नियंत्रण वाहन के साथ हायाघाट, एपीएम, पतोर, विशनपुर थाना की पुलिस पहुंची। स्थिति को संभालने की कोशिश की। लेकिन आक्रोशित लोग चिकित्सक पर कार्रवाई करने की मांग पर डटे रहे। इधर सूचना पर पहुंचे विधायक अमरनाथ गामी ने आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर सड़क जाम हटवाया। साथ ही उन्होंने मौके पर मोबाईल से डीएम से बात की। विधायक गामी ने आक्रोशित लोगों को बताया कि तोड़फोड़ समस्या का समाधान नहीं है। आप अपनी बातें शांतिपूर्वक भी रख सकते हैं। बच्ची की मौत कैसे हुई है, इसकी जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। इधर बीडीओ राकेश कुमार, सीओ कमल प्रसाद साह व हायाघाट थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार अमर ने बताया कि शाम करीब छह बजे शव को पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेजा गया।


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