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..और चाय की तलब ने बचाई दो की ¨जदगी

सदर थाने क्षेत्र के बसैला मोड़ के पास एनएच 57 पर रविवार की शाम हर ओर चीख-पुकार ही सुनाई दे रहा था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 12:42 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 12:42 AM (IST)
..और चाय की तलब ने बचाई दो की ¨जदगी
..और चाय की तलब ने बचाई दो की ¨जदगी

दरभंगा। सदर थाने क्षेत्र के बसैला मोड़ के पास एनएच 57 पर रविवार की शाम हर ओर चीख-पुकार ही सुनाई दे रहा था।हो भी क्यों नहीं, बस के रौंदने से एक साथ तीन लोगों की हुई मौत और दर्जन भर यात्रियों के घायल होने की सूचना से सभी अवाक थे। जिसने जहां सुना वे घटना स्थल की ओर दौड़ पड़े। घटना की नजाकत को देखते हुए डीएम डॉ. चंद्रशेखर ¨सह और एसएसपी गरिमा मलिक भी दल-बल के साथ मदद के लिए पहुंच गए। इसके बाद सदर पीएचसी का सारा तंत्र फोरलेन पहुंच गया। दिल्ली-लौकहा वाया दरभंगा लौट रही दुर्घटनाग्रस्त न्यू श्री राम जानकी ट्रेवल्स बस से सभी यात्रियों को सकुशल नीचे उतारा गया और सभी का समुचित प्राथमिक उपचार कराया गया। इधर, मृतक के परिजनों को जब घटना की जानकारी मिली तो सभी के परिजन घटना स्थल पहुंचे। सड़क पर बहता खून देखकर परिजनों को समझ में आ गया घटना में किसी की जान नहीं बची है। सभी दहाड़ मारकर रोने-चिल्लाने लगे। बताने लगे सभी ईंट भट्टा में मजदूरी करने के लिए अपनी माटी को छोड़कर पश्चिम बंगाल के अलीपुर जा रहे थे। सारा मोहनपुर निवासी जहींद्र सहनी, भोला सहनी और निर्मली निवासी रामचंद्र सहनी के शव को शिनाख्त करने के बाद सारा मोहनपुर गांव निवासी रामवृक्ष सहनी और छीतन सहनी की खोज लोग करने लगे। जब दोनों दिखाई नहीं दिए तो उनके परिजन चिल्लाने लगे। इस बीच भीड़ से दोनों निकलकर अपने परिजनों के बीच पहुंच गए और बताया कि हम दोनों की ¨जदगी बच गई। अगर चाय की तलब नहीं लगती हम दोनों भी बस के चपेट में आ जाते और इस दुनिया में न होते। हालांकि, रामवृक्ष सहनी को अपने समधी रामचंद्र सहनी की मौत पर काफी गम था। वे बराबर यही कह रहे थे कि मैं उन्हें बेकार बुलाया । काश उन्हें साथ में लेकर चाय पीने जाते तो उनकी ¨जदगी बच जाती। बताया कि सभी लोग सारा मोहनपुर गांव से एक टेंपो पर सवार होकर बसैला मोड़ पहुंचे। जहां से पश्चिम बंगाल जाने वाली बस पर सभी सवार होते । बस के बिलंब को देखते हुए दो लोग चाय पीने चले गए और शेष तीनों बस के चपेट में आ गए। इधर, डीएमसीएच में मृतक जहींद्र सहनी के बड़े पुत्र राजेश सहनी और छोटे पुत्र अनिल सहनी एवं मृतक भोला सहनी के बड़े पुत्र राजा सहनी और छोटे पुत्र फूलबाबू अपने पिता का शव देखकर बार-बार बेहोश हो रहे थे। बेंता ओपी प्रभारी आशुतोष कुमार सभी को संभालने में लगे थे। लेकिन, सभी दहाड़ मारकर रो रहे थे। कह रहे थे कि पिताजी कई सपने पाल रखे थे। यहां से जाने के बाद होली में वापस आने की बात कह गए थे। जहींद्र ने अपनी पांच पुत्री की और और भोला ने अपनी इकलौती पुत्री की शादी करने के बाद अपने पुत्रों को यही कह रहे थे कि अब जो भी कमाई होगी वह तुम लोगों ही होगा। लेकिन, उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका।

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बस यात्रियों में दिख रहा था मौत का खौफ :

दुर्घटना बाद बस जैसे-तैसे गड्ढ़े में जाकर रुकी । तब तक यात्रियों की चीख पुकार शुरू हो गई थी। घटना में दर्जन भर यात्री घायल हो गए। विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष जेएन ¨सह, सदर थानाध्यक्ष राजन कुमार, मब्बी ओपी प्रभारी गौतम कुमार आदि पुलिस कर्मियों ने स्थानीय लोगों के सहयोग से सभी यात्रियों को बस से नीचे उतारने का काम किया। एक-एक सामान को सुरक्षित उतारा गया। इसके बाद सभी का इलाज किया गया । मधुबनी के खुटौना थाने के एकहत्था गांव निवासी सुल्ताना बेगम का सिर फूट गया था। वहीं मो. मिनहाज, दो बच्ची शानिया और आएशा चोटिल थे। इसके अलावा एक यात्री का पांव टूट गया जबकि, एक यात्री का दांत टूट गया था। इसके अलावा किसी हाथ तो किसी के सिर में काफी चोट थी । यात्री मो. आदिल ने बताया कि हमने मौत को सामने से देखा। अचानक एक बाइक सामने आ गई। जिसे बचाने के लिए चालक ने बस को बायां काट दिया। इसके बाद सड़क पर खड़े लोगों को बस रौंदते हुए नीचे चली गई। हालांकि, चालक अगर होशियारी से काम नहीं करता तो बस सड़क पर ही पलट जाती । अगर ऐसा होता तो शायद ही किसी जान बच पाती।

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विधायक ने मदद का दिया आश्वासन :

नगर विधायक संजय सरावगी डीएमसीएच पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दिया। उन्होंने मृतक के परिजनों के आंसू पोछते हुए कहा कि कल यानी 19 नवंबर को दोनों परिवार को अनुदान राशि के रूप में चार-चार लाख रुपये का चेक हर हाल में मिल जाएगा। वहीं निर्मली निवासी मृतक रामचंद्र सहनी के दामाद से उन्होंने कहा कि उनके हिस्से की राशि निर्मली में मिल जाएगी। इसमें कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने अपने नजरों के सामने पोस्टमार्टम कराने के लिए सभी शवों को भेजवाने का काम किया।

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