Move to Jagran APP

प्रति माह शहर की सफाई 1.25 करोड़ की, किसी को दिखी

दरभंगा। शहर की सफाई मद में होने वाले व्यय के आंकड़े को देखा जाए तो शहरवासी अपना सर पीटने लगेंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 12:39 AM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 12:39 AM (IST)
प्रति माह शहर की सफाई 1.25 करोड़ की, किसी को दिखी
प्रति माह शहर की सफाई 1.25 करोड़ की, किसी को दिखी

दरभंगा। शहर की सफाई मद में होने वाले व्यय के आंकड़े को देखा जाए तो शहरवासी अपना सर पीटने लगेंगे। लेकिन, सूत्रों की मानें तो प्रति महीने शहर की साफ-सफाई मद में करीब 1.25 करोड़ रुपये खर्च हो रहे है। बावजूद नालियां बजबजाती नजर आती है और सड़कों पर कचरा का अंबार नजर आता है। मानों मुख्य सड़क को ही नगर निगम में डंपिग ग्राउंड मान लिया हो। अत्याधुनिक उपकरण और सफाई कर्मियों की फौज शहर को साफ रखने में असफल सिद्ध हो रही है। इन सबके बावजूद आम नागरिक से लेकर नगर निगम प्रशासन और जनप्रतिनिधि अपनी आंखें मूंदे बैठे हुए है। शहरवासी अपने मौलिक अधिकार तक को भूल चुके है। नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत कुल 48 वार्ड है। सभी वार्डों में 12-12 सफाई कर्मियों को लगाया गया है। इस लिहाज से वार्डों में कुल 576 सफाई कर्मी तैनात है। इसके अलावा ट्रैक्टर, टिपर, जेसीबी, कांपेक्टर और रोबोट सहित अन्य उपकरणों पर एक ड्राइवर के अलावा दो से तीन सफाई मजदूर रहते है। फिर भी कोई ऐसा वार्ड नहीं, जिसकी देखकर यह कहा जा सके कि आप नगर निगम क्षेत्र में रहते है। गांव से भी बदतर स्थिति वार्डों की है। ना तो सड़कों पर प्रतिदिन झाडू लगाया जाता है ना ही कचरा का उठाव किया जाता है। फलत: जगह-जगह गंदगी का अंबार नजर आता है। वार्डों की बात तो छोड़ दीजिए, मुख्य सड़कों का हाल बेहाल है। भंडार चौक, कादिराबाद चौक, आयकर चौराहा, दोनार, अल्लपट्टी, आरबी मेमोरियल अस्पताल के सामने, बेंता सहित जगह-जगह सड़क किनारे कचरा फैला नजर आता है। कचरा के कारण आवारा पशु खेत की बजाए सड़कों पर ही चरते नजर आते है। इसके कारण जगह-जगह जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ता है। यह कोई एक या दो दिन की बात नहीं, कामोवेश यही स्थिति महीने भर देखने को मिलती है। सवाल यह है कि आखिर शहरवासियों से किस बात का पैसा वसूल रहा है, वे कौन सी सुविधाएं लोगों को दी जा रही है, जिसके एवज में लोगों की जेब ढ़ीली हो रही है। बेंता निवासी ठक्को पासवान, विक्की ठाकुर, गिन्नी देवी आदि ने बताया कि आरबी मेमोरियल हॉस्पीटल के बाहर कचरा का ढ़ेर पड़ा रहता है। मवेशी चरते रहते है। इसके कारण जाम की समस्या बनी रहती है। नगर निगम कर्मी दिन के 12-1 बजे कचरा का उठाव करते है। वहीं, भंडार चौक निवासी पिटू मिश्र, संतोष कुमार, रामलखन सिंह, पम्मी आदि ने बताया कि विवि की चाहरदिवारी के पास सड़क के एक भाग कचरा के लिए ही सुरक्षित है। पूरे दिन कचरा पसरा रहता है। नगर निगम केवल पैसे की उगाही में लगा है। कोई काम नजर नहीं आता।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.