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उजवा की घटना से सहमे लोग, एक साथ जलाए गए चार शव

कुशेश्वरस्थान थाने के उजवा गांव में सामूहिक चार लोगों की हत्या की खबर से पुलिस विभाग में खलबली मच गई। गुरुवार को देर रात ही एसएसपी बाबू राम लाव-लश्कर लेकर उजवा गांव पहुंच गए। हालांकि दियारा क्षेत्र होने के कारण पहुंचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 12:31 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2019 12:31 AM (IST)
उजवा की घटना से सहमे लोग, एक साथ जलाए गए चार शव

दरभंगा । कुशेश्वरस्थान थाने के उजवा गांव में सामूहिक चार लोगों की हत्या की खबर से पुलिस विभाग में खलबली मच गई। गुरुवार को देर रात ही एसएसपी बाबू राम लाव-लश्कर लेकर उजवा गांव पहुंच गए। हालांकि दियारा क्षेत्र होने के कारण पहुंचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लेकिन, एसएसपी घटना स्थल पहुंचकर पूरे मामले की जांच की और जायजा लिया। इस दौरान घटना स्थल से एक मैगजीन, एक कारतूस और दो खोखा सहित तेजधार हथियार, हथौड़ा और खंती बरामद किया। उन्होंने अपनी मौजूदगी में ही आरोपितों को पकड़ने के लिए छापेमारी कराई। लक्ष्मी साह, उनकी पत्नी अरहुलिया देवी और पुत्र कृष्ण साह और वीरेंद्र साह के शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए भेजा। इसके बाद सुबह में एसएसपी दरभंगा लौट गए। इस क्रम में तीन आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर ली। इसमें गंगा साह, पुत्र गौतम साह एवं मुन्ना साह शामिल हैं। एसएसपी राम बताया कि ये लोग भी चोटिल अवस्था में पाए गए हैं। ऐसी स्थिति में पूरे मामले की सघनता के साथ जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि घटना में पिस्टल की गोली पाई गई है। इससे लगता है कि घटना को अंजाम देने के लिए हत्यारों ने पिस्टल का ही इस्तेमाल किया है। हालांकि, किसे कितनी गोली लगी है। यह पोस्टमार्टम से स्पष्ट होगा। लेकिन, जिस तरह से खून लगा धारधार हथियार और हथौड़ा मिला है उससे लगता है कि हत्यारों ने इसका भी इस्तेमाल किया है। पूरे मामले की जांच के लिए उन्होंने एसएफएल की टीम बुलाई है। कहा कि जांच से कई और साक्ष्य मिलेंगे। ताकि, आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। बताया कि पूछताछ से यह स्पष्ट हुआ कि घटना के समय किसी तरह की पंचायत नहीं हो रही थी। मृतक के थाने और अंचल में भूमि विवाद से संबंधित आवेदन देने के बाद बदले की भावना से घटना को अंजाम देने की बात सामने आई है। अगर थाने स्तर पर समय रहते कार्रवाई में लापरवाही बरतने की बात सामने आई तो निश्चित तौर पर दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पीड़ति परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिस की तैनाती की गई है। घटना में बाहरी लोगों के होने की बात से एसएसपी ने इन्कार कर दिया है। कहा कि अभी तक के जांच में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है।

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15 लोगों को बनाया गया आरोपित :

मृतक लक्ष्मी साह के पोत्र रमेश साह के फर्द बयान पर कांड संख्या 151/19 दर्ज की गई है। इसमें गंगा साह, गौतम साह, मुन्ना साह सहित 15 लोगों को नामजद किया है। पुलिस ने सहरसा के रिफ्यूजी चौक स्थित गंगा हॉस्पिटल से गंगा साह और उसके पुत्र गौतम साह एवं मुन्ना साह को गिरफ्तार कर लिया। शेष की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। गौतम के घर में हैंगर में टंगे पेंट की जेब से पिस्टल की मैग्जीन 7.65 एमएम की गोली और दो खोखा और बरामद किया गया। रमेश ने बताया कि हमारे चचरे दादा गंगा साह अपने मकान का छज्जी हमारी ओर बना रहे थे। जिसका विरोध उसके दादा ने किया। इसके बाद उसके बीच वाले चचेरा दादा राम भजन साह सुलह करने की बात कह अपने आंगन में समझौता के लिए बुलाया। वहां सभी गाली देने लगा और गंगा साह के पुत्र गौतम साह, राहुल साह और पुरुषोत्तम साह और बीच वाले चचेरा दादा राम भजन साह के पुत्र प्रमोद साह और रणजीत साह सहित 15 अज्ञात लोगों ने हथियार से लैस होकर उनके दादा, दादी, पिता और चाचा पर हमला बोल दिया। सभी ने अंधाधुंध गोली चला दी। कहा कि ये लोग हम पर भी गोली चलाया। लेकिन, हम भाग गए। इसलिए हमारी जान बच गई।

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पुलिस स्काट में पहुंचाया गया चारों शव :

पुलिस की मौजूदगी में लक्ष्मी साह, उनकी पत्नी अरहुलिया देवी और पुत्र कृष्ण साह और वीरेंद्र साह के शव को पोस्टमार्टम के लिए शुक्रवार की सुबह लाया गया। पोस्टमार्टम के बाद एसएसपी बाबू राम के निर्देश पर एक पुलिस पदाधिकारी और दस जवान शव का स्कॉट करते हुए कुशेश्वरस्थान स्थित दाह संस्कार स्थल तक ले गई। पुलिस को शक था कि किसी तरह की फिर से घटना अथवा बवाल हो सकता है। इसलिए पूरी तैयारी पहले ही कर ली गई थी। वहां पहले से भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई थी। रात्रि के आठ बजे स्थानीय बाजार स्थित उच्च विद्यालय मैदान स्थित श्मशान घाट पर सभी शवों को एक साथ जलाया गया। ²श्य देख सैकड़ो लोगों फफक कर रोने लगे। बताया जाता है कि कुशेश्वरस्थान में मृतक लक्ष्मी साह की ससुराल है और रात होने के कारण शव को उजवा के बदले ससुराल में ही अंतिम संस्कार किया गया। दादा-दादी और पिता का अंतिम संस्कार देख सभी बच्चे दहाड़ मारकर रो रहे थे। मृतक वीरेन्द्र की पत्नी एवं बच्चे के पहुंचने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया। चारों शवों को लक्ष्मी साह के बड़े पौत्र रोहित ने मुखाग्नि दी।

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पुत्र की शादी में आया था पिता और चाचा :

दो फुट भूमि के लिए चार लोगों को गोली मारकर हत्या कर देने की घटना से पूरे इलाके के लोग सदमे हैं। अपना सगा भाई और भतीजा इस तरह की घटना को अंजाम दे सकता है यह किसी को यकीन नहीं हो रहा है। 13 दिन पहले 8 जून को मृतक लक्ष्मी साह के बड़े पौत्र रमेश साह की शादी हुई थी। इसमें रमेश के पिता कृष्ण साह और चाचा वीरेंद्र साह दोनों शादी में शामिल होने के लिए आए थे। कुछ दिनों के बाद दोनों भाई साथ मजदूरी करने के लिए दिल्ली चले जाते। उससे पहले दोनों भाइयों और उसके माता-पिता को मौत की नींद सुला दिया। मृतक लक्ष्मी साह को मात्र दो पुत्र था। मृतक कृष्ण साह की पत्नी और उनके पुत्र रमेश एवं गोविद तथा मृतक वीरेंद्र साह की पत्नी और उनके दो पुत्रियां ज्योति एवं रानी किसी तरह से अपनी जान बचाकर भाग निकले। सभी बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है। बच्चे एवं उसकी मां का रो-रो कर बुरा हाल है। डर से अब गांव भी नहीं जाना चाहते हैं।

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