विकास के दौर में बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा दोमे गांव
दरभंगा। केंद्र व राज्य सरकार गांवों के विकास के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है लेकिन प्रखंड का दोमे गांव आज भी विकास से कोसों दूर है।
दरभंगा। केंद्र व राज्य सरकार गांवों के विकास के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है, लेकिन प्रखंड का दोमे गांव आज भी विकास से कोसों दूर है। शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में सरकार की योजनाएं मात्र छलावा सिद्ध हुई हैं। आज भी यह गांव बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। सिचाई के लिए आज तक यहां राजकीय नलकूप नहीं गाड़ा गया। किसान निजी बोरिग के भरोसे हैं। गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में सुविधाओं का घोर अभाव है। 10 से 12 घंटा तक ही लोगों को बिजली मिल पाती है। स्वास्थ्य केंद्र का अभाव है। उच्च विद्यालय भी नहीं है। दोमे गांव का हाल जानने के लिए शुक्रवार को गांव की पाती कार्यक्रम के तहत दैनिक जागरण की टीम ने स्थानीय लोगों के साथ बैठक की। इसमें ग्रामीणों ने कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, रोजगार, सड़क, नाला आदि की चर्चा हुई। बैठक में एक स्वर से लोगों ने अब तक हुए विकास कार्यों और वर्षों से व्याप्त समस्याओं के बारे में बताया। किसानों ने बताया कि सिचाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के सहारे चल रहे हैं। एक भी राजकीय नलकूप नहीं है। किसान उम्मीद लगाए हैं कि इसका समाधान सरकार जल्द करेगी। ग्रामीणों ने कहा कि विकास को लेकर चल रही योजनाओं को शत प्रतिशत धरातल पर उतारने की जरूरत है। मौके पर पंसस भोला कुमार, रवि कुमार यादव, अशोक कुमार यादव, रंजीत कुमार यादव, राम सजीवन यादव, लालबाबू यादव, महेंद्र यादव, नरेश यादव, मनोज कुमार, परमेश्वर यादव, राजेंद्र दास आदि मौजूद थे।