नल-जल योजना का लोगों को नहीं मिल रहा लाभ, पानी के लिए मचा हाहाकार
बेनीपुर में अनावृष्टि के कारण तेजी से खिसक रहे भूगर्भीय जलस्तर से लगातार सूख रहे चापाकल के कारण क्षेत्र में लोगों को पानी का घोर संकट झेलना पड़ रहा है। चापाकल गाड़ने वाले मिस्त्री की मांग अचानक से बढ़ गई है।
दरभंगा । बेनीपुर में अनावृष्टि के कारण तेजी से खिसक रहे भूगर्भीय जलस्तर से लगातार सूख रहे चापाकल के कारण क्षेत्र में लोगों को पानी का घोर संकट झेलना पड़ रहा है। चापाकल गाड़ने वाले मिस्त्री की मांग अचानक से बढ़ गई है। बढ़ती मांग को देखते हुए इस कार्य के लिए मिस्त्री के भाव में तेजी से इजाफा होने लगा है। बता दें कि नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों का जल स्तर नीचे खिसकने से सामान्य चापाकलों ने पानी देना बंद कर दिया है। वैकल्पिक तौर पर लोग अब समरसेबल लगाने में जुटे हुए हैं। उसके लिए भी मिस्त्री खोजे नहीं मिल रहा है। तेजी से सूख रहे चापाकल और संभ्रांत लोगों द्वारा वैकल्पिक तौर पर समरसेबल लगाए जाने से मध्यम एवं गरीब वर्ग के लोगों में मायूसी है। पेयजल के संकट से जूझ रहे कंथूडीह के काशीकांत झा, बालाकांत झा सहित कई लोगों ने बताया कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे जल-नल योजना में लूट-खसोट हावी है। किसी भी पंचायत व नगर के वार्ड में जल-नल योजना का अब तक असर नहीं है। लोग पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। पैसे वाले लोग तो अब सरकारी योजना की आस छोड़ समरसेबल लगा रहे हैं, गरीब-गुरबा को पानी कहां से मिलेगा। नगर परिषद वार्ड 17 के चुन्नू ठाकुर ने बताया कि विगत 2 माह से चापाकल में पानी नहीं आ रहा। बगल के चापाकल से पानी लाकर किसी तरह काम चल रहा है। समरसेबल लगाने का मन बनाया तो विगत 15 दिनों तक समरसेबल गाड़ने वाली मिस्त्री की खोज में ही बीत गया। कहीं कोई मिस्त्री खाली नहीं मिल रहा, जो मिल रहे वे मनमाना पैसा मांग रहे हैं। लाचारी में मनमाना पैसा देकर समरसेबल लगवा रहे हैं। नगर परिषद होते हुए भी वार्ड में अभी तक जल-नल योजना का काम प्रारंभ नहीं हुआ है। यदि जल-नल योजना का काम प्रारंभ हो गया होता तो समरसेबल लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
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वैकल्पिक व्यवस्था में जुटे लोग :
जानकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र के बलनी, कंथूडीह, पोहदी, माधोपुर, हावीभौआर, बाथो रढि़याम सहित नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न वार्डों के सैकड़ों चापाकल सूख गए हैं। ग्रामीणों की मांग पर स्थानीय प्रशासन ने पीएचईडी को प्रभावित गांवों में जलापूर्ति करने का आदेश दिया, लेकिन विभाग ने कुछ ही दिनों में हाथ खड़े कर लिए। बलनी एवं पोहदी मे इंडिया टू मार्का चापाकल भी लगाया गया, लेकिन सब महज खानापूर्ति साबित हुआ। अब लोग स्वयं वैकल्पिक व्यवस्था में जुट गए हैं।
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एडवांस बु¨कग से बढ़ी मजदूरी :
चापाकल गाड़ने वाली मिस्त्री मो. जलील, मो. रियाज, ठक्को, मो. मुस्तकीम आदि ने बताया कि पूरे क्षेत्र में 30 से 36 फीट तक पानी का जलस्तर नीचे गिर गया है। इसके कारण चापाकल सूख रहे हैं। जहां चापाकल सूख रहे हैं, वहां सबमर्सिबल के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। पिछले एक माह से सभी प्लांट वालों के यहां कामों की एडवांस बु¨कग चल रही है। इसके कारण मजदूरी बढ़ गई है।