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दिनदहाड़े लाखों की लूट में पांच माह बाद भी पुलिस के हाथ खाली

दरभंगा । लहेरियासराय थाना के बाकरगंज मोहल्ले में 10 जुलाई की सुबह श्री गणेश ज्वेलर्स के मालिक संजय कुमार लोहिया के घर नकदी सहित लाखों के जेवरात लूट मामले में पुलिस को लगभग पांच माहों के बाद भी कोई सफलता नहीं मिली है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 12:33 AM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 12:33 AM (IST)
दिनदहाड़े लाखों की लूट में पांच माह बाद भी पुलिस के हाथ खाली
दिनदहाड़े लाखों की लूट में पांच माह बाद भी पुलिस के हाथ खाली

दरभंगा । लहेरियासराय थाना के बाकरगंज मोहल्ले में 10 जुलाई की सुबह श्री गणेश ज्वेलर्स के मालिक संजय कुमार लोहिया के घर नकदी सहित लाखों के जेवरात लूट मामले में पुलिस को लगभग पांच माहों के बाद भी कोई सफलता नहीं मिली है। पुलिस इस मामले में अब तक एक दर्जन से ऊपर संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर चुकी है। लेकिन, मामले में किसी की संलिप्तता नहीं पाई गई। नतीजा, पुलिस ने सभी को छोड़ दिया। दरभंगा सहित समस्तीपुर, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, वैशाली आदि जगहों को भी खंगाला गया। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कई जिलों के मंडल कारा के रिकार्ड से बदमाशों की तस्वीर का मिलान कराया गया। लेकिन, परिणाम शून्य रहा। नगर एसपी योगेंद्र कुमार के मार्गदर्शन और सदर एसडीपीओ अनोज कुमार के नेतृत्व में एसआइटी की टीम अभी भी अपराधियों के टोह में लगी हुई है। कुछ सफलताएं मिलने की दावा भी किया गया है। मसलन, अपराधियों का चेहरा पुलिस के सामने होने की बात कही गई। लेकिन, यह दावा काम नहीं आया। ना तो बदमाशों का नाम पता चल पाया और ना ही किसी का पता। एसएसपी बाबूराम ने भी माना है कि मामले के पर्दाफाश में विलंब हो रहा है। लेकिन, अपराधी बचकर नहीं निकल सकते हैं। उनका दावा अनुसंधान में मिली कामयाबी की ओर इशारा कर रहा है। इधर, घटना में अपराधियों के नए ट्रेंड को अपनाने से शहर के लोग भयाक्रांत हैं। खासकर व्यवसायी वर्ग काफी चितित हैं। अपराधियों ने उस समय घटना को अंजाम दिया, जिस समय लोग काफी रिलेक्स रहते हैं। सुबह के सात बजे में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है कि उनके घर में डकैती होने वाली है। दरभंगा के इतिहास में ऐसी घटना पहली बार घटी है। लेकिन, लाइनर काफी करीबी बताया जा रहा है। यही कारण था कि दो बदमाशों ने अपने चेहरा में रूमाल बांध रखा था। उन दोनों को डर था कि गृहस्वामी उन्हें पहचान ना लें। पांच अपराधी घटना को अंजाम देने के लिए व्यवसायी के घर में घुसे थे। जबकि, तीन अपराधी घर के बाहर सड़क पर खड़े थे। ये तीनों आने-जाने वालों लोगों पर नजर बनाए हुए थे। घटना को अंजाम देने के समय से बदमाशों ने दहशत फैलाने की नीयत से गृहस्वामी के घर में एक राउंड फायरिग की थी। लेकिन, गोली चलने की आवाज नहीं हुई। अपराधियों ने फायरिग के लिए साइलेंसर युक्त पिस्टल का उपयोग किया था। पीड़ित परिवार के घर से पुलिस ने पिस्टल का एक खोखा बरामद किया था। साइलेंसर युक्त पिस्टल का उपयोग करना भी शहर के लिए नया है।

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