Move to Jagran APP

दलित व अल्पसंख्यक बाहुल्य गांव नवटोलिया तरबन्ना में बुनियादी सुविधाओं की दरकार

दरभंगा। सूबे में हो रहे विकास के इस दौर में जहां हर तरफ सिर्फ विकास की ही बात की जा रही हो ऐसे में प्रदेश में आज भी कई ऐसे गांव हैं जिसके लिए विकास आज भी छलावा मात्र है। ऐसी ही एक बस्ती है कुशेश्वरस्थान बाजार से सटे रामपुर राउत का नवटोलिया तरबन्ना।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 12:28 AM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 12:28 AM (IST)
दलित व अल्पसंख्यक बाहुल्य गांव नवटोलिया तरबन्ना में बुनियादी सुविधाओं की दरकार
दलित व अल्पसंख्यक बाहुल्य गांव नवटोलिया तरबन्ना में बुनियादी सुविधाओं की दरकार

दरभंगा। सूबे में हो रहे विकास के इस दौर में जहां हर तरफ सिर्फ विकास की ही बात की जा रही हो, ऐसे में प्रदेश में आज भी कई ऐसे गांव हैं जिसके लिए विकास आज भी छलावा मात्र है। ऐसी ही एक बस्ती है कुशेश्वरस्थान बाजार से सटे रामपुर राउत का नवटोलिया तरबन्ना। दलित व अल्पसंख्यक बाहुल्य वाले इस गांव में आज भी बुनियादी सुविधाएं नदारद हैं। कुशेश्वरस्थान उत्तरी पंचायत अंतर्गत नवटोलिया तरबन्ना गांव के लोग आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत समस्याओं को झेल रहे हैं। इस बीच दैनिक जागरण की टीम ने गांव की पाती के तहत शुक्रवार को नवटोलिया तरबन्ना गांव में लोगों के साथ उनकी समस्याओं के लेकर चर्चा की। इस दौरान गांव के मो. मुस्तफा, मो. कासिम, मो. इलियास, मो. जुबेर सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि सरकार ने इस गांव में बिजली पहुंचा दी है, सड़क का भी निर्माण हो चुका है। लेकिन, नाले की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पर रहा है। लोगों के घरों का पानी आंगन में ही जमा रहता है, जिससे घर के बच्चे और बड़े अक्सर बीमार होते रहते हैं। लोग बाल्टी से पानी बाहर सड़क किनारे फेंकते हैं। सरकारी स्तर पर इस गांव में पानी के बहाव के लिए नाले का निर्माण होना अति आवश्यक है। नाला निर्माण को लेकर कई बार गांव के मुखिया से लेकर संबंधित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी को मौखिक एवं लिखित में कहा गया, लेकिन आज तक इस गांव में नाले का निर्माण नहीं हो सका है। गांव में एक प्राथमिक विद्यालय है। यहां शिक्षा के स्तर को सुधार करने की जरूरत है। जहां तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बात है तो गांव से सटे बाजार में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है जिसकी हालत काफी बुरी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बारिश के समय पानी में डूब जाता है। पीएचसी के डूबने के बाद इसको प्रखंड मुख्यालय स्थित बाढ़ शरणस्थली भवन में चलाया जाता है। यहां सिर्फ दो ही एमबीबीएस डॉक्टर हैं। इसके अलावा दो आयुष चिकित्सक के भरोसे लोगों का इलाज होता है। लोगों को सरकारी योजना का लाभ सही से नहीं मिल पा रहा है। लोगों के घर में जॉब कार्ड तो है, पर लगभग दस वर्षों से गरीबों को जॉब नहीं मिल रहा है।

loksabha election banner

------------

नवटोलिया तरबन्ना गांव एक नजर में :

आबादी : करीब पांच हजार, मस्जिद : एक, मंदिर : एक, प्राथमिक विद्यालय : एक, आंगनवाड़ी केंद्र : एक, पोखर : एक, सरकारी नौकरी : एक व्यक्ति, शिक्षित : 15 प्रतिशत

------------

कहते हैं गांव के लोग : पहले जब हाथों में वृद्धावस्था पेंशन योजना की राशि दी जाती थी तो तीन माह पर राशि मिल जाती थी। सरकार ने जब से खाते में राशि देने की योजना शुरू की है, तब से दर्जनों लोगों को पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है।

- राजू चौपाल, ग्रामीण

--------

इस गांव में सड़क का तो निर्माण कर दिया गया, लेकिन आज तक नाले का निर्माण नहीं कराया गया है। नाला नहीं होने से लोगों को आंगन में ही गड्ढ़ा खोदकर पानी जमा करना पड़ता है। सरकारी स्तर पर इस गांव में नाले का निर्माण जल्द हो, ताकि लोगों को पानी बहाने के लिए किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो।

- मो. मुन्ना, ग्रामीण

-----------

ग्राम पंचायत योजना के तहत गांव में सड़क किनारे बिजली के पोलों पर लाइट लगाई गई थी। जो विगत कई माह से खराब पड़ी है। लाइट लगाने और मरम्मत के नाम पर हजारों की लूट हो रही है, पर खराब पड़े लाइट को बदलने पर किसी का ध्यान नहीं जाता है।

- हीरालाल चौपाल, ग्रामीण

---------

गांव में पानी की समस्या काफी गंभीर है। लोगों के पास पीने का शुद्ध पानी नहीं है। दुसरों के घर से लोग पानी लाकर पीने के लिए मजबूर हैं। इस गांव में हर घर नल का जल योजना भी नहीं चलाया जा रहा है।

मो. मंजूर, ग्रामीण

-----------

इस गांव के शिक्षित युवा बेरोजगार बैठे हैं। रोजगार की तलाश में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। सरकार इन शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए अब तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठा रही है। युवा पढ़-लिखकर कब तक भटकते रहेंगे।

- सहाना खातुन, ग्रामीण

----------

करोड़ों की लागत से पीएचडी विभाग ने जलमीनार का निर्माण कराया है। आधे गांव में पानी सप्लाई के लिए पाइप भी लगा दिया गया है। वर्षों बीत जाने के बाद भी आज तक पानी की सप्लाई नहीं दी जा रही है।

- मो. हैदर, पंसस

----------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.