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मिथिला विवि में शुरू होगा मिथिलाक्षर का सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स : कुलपति

पांचवां मिथिलाक्षर साक्षरता सम्मान समारोह रविवार को दरभंगा के एक होटल के सभागार में संपन्न हुआ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 02:01 AM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 02:01 AM (IST)
मिथिला विवि में शुरू होगा मिथिलाक्षर का सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स : कुलपति
मिथिला विवि में शुरू होगा मिथिलाक्षर का सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स : कुलपति

दरभंगा। पांचवां मिथिलाक्षर साक्षरता सम्मान समारोह रविवार को दरभंगा के एक होटल के सभागार में संपन्न हुआ। समारोह का उद्घाटन करते हुए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरेंद्र कुमार ¨सह ने कहा कि मौजूदा समय में मिथिला, मैथिली और मिथिलाक्षर के सूरत-ए-हाल को हमें आत्मलोकन करने जरूरत है। कहा कि हम मिथिलाक्षर को अगर दैनिक कार्यों में नहीं उपयोग करेंगे तो वह मृत हो जाएगी। मिथिलाक्षर को आगे बढ़ाने में यह अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा मिथिलाक्षर का सर्टिफिकेट और डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है कि यहां की संस्कृति और भाषा को जीवंत बनाए रखें। इसके लिए विश्वविद्यालय कृतसंकल्पित है और मिथिलाक्षर को चलन में लाना हमारी जिम्मेवारी है। बतौर विशिष्ट अतिथि विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के संस्थापक पंडित अजयनाथ शास्त्री यह अभियान चलाकर मिथिलाक्षर को पुर्नजीवित करने का जो काम किया है इसके लिए उनका नाम स्वर्णाक्षर में लिखा जाएगा। कार्यक्रम में भारत निर्वाचन आयोग के आइकॉन तथा मैथिली के प्रख्यात साहित्यकार मणिकांत झा को सीबीएसई में मातृभाषा मैथिली को शामिल करवाने में निभाए गई महत्वपूर्ण भूमिका के लिए नागरिक अभिनंदन किया गया। अध्यक्षता मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के संस्थापक पंडित अजय नाथ झा शास्त्री ने की। सम्मान समारोह को पूर्व विधान पार्षद डॉ. विनोद कुमार चौधरी, अशोक अविचल, विनय कुमार झा, इंजीनियर जयानंद झा, योगानंद झा आदि ने संबोधित किया। सम्मान समारोह में मिथिलाक्षर सीखने वाले 170 अभियानियों को मिथिलाक्षर प्रवीण प्रमाण-पत्र दिया गया जबकि 20 लोगों को मार्गदर्शक कोटि, 30 को निर्देशक कोटि तथा 10 को संरक्षक कोटि का प्रमाण-पत्र एवं प्रतीक चिह्न दिया गया। कार्यक्रम को डॉ. जयप्रकाश चौधरी जनक तथा प्रवीण कुमार झा ने संयुक्त रूप से संचालित किया। मौके पर कृष्णकांत झा, परमानंद झा, जगत रंजन झा, उग्रेश झा, ब्रह्मानंद झा, पंकज कर्ण, नरेंद्र झा, राघव मिश्र, वंशीधर मिश्र, विनोद कुमार झा, चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, उग्रेश कुमार झा, उग्रनाथ झा आदि मौजूद थे। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ दीपक कुमार झा ने गोसाउनि गीत गाकर किया। आगत-अतिथियों का स्वागत दीपक कुमार झा और नीरज कुमार झा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रवीण कुमार झा ने किया।

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शोभा यात्रा निकाल मिथिला विभूतियों को अर्पित किया श्रद्धासुमन : सुबह में संगठन की ओर से बेला स्थित विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने उपरांत एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें अभियानियों ने मिथिलाक्षर लिपि को सीखने के प्रति जागरूकता जगाते हुए शोभा यात्रा के मार्ग में पड़ने वाले मिथिला विभूतियों क्रमश: आचार्य सुरेंद्र झा सुमन, भोगेंद्र झा, महाराजा महेश ठाकुर, महाराजा रमेश्वर ¨सह, ललित नारायण मिश्र, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर, महाराजा लक्ष्मेश्वर ¨सह, महाराजा कामेश्वर ¨सह एवं बाबा नागार्जुन की प्रतिमाओं पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए मां श्यामा के दरबार में हाजिरी लगाई। शोभा यात्रा टाउन हॉल स्थित देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण के उपरांत समाप्त हुआ।


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