घर बैठे कमाने का सपना दिखा छात्रों से लाखों ठगी, सड़क जाम
घर बैठे रोजगार के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये ठगी करने के मामले में पीड़ितों ने शनिवार को कोतवाली ओपी के पास सड़क जाम कर दिया।
दरभंगा। घर बैठे रोजगार के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये ठगी करने के मामले में पीड़ितों ने शनिवार को कोतवाली ओपी के पास सड़क जाम कर दिया। आक्रोशित छात्र सड़क पर आगजनी कर दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। एक घंटे तक लहेरियासराय-दरभंगा मार्ग जाम रहने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। नाराज छात्रों का कहना था कि कोतवाली ओपी के 25 फीट की दूरी पर वर्ल्ड बुक आर्गनाइजेशन नामक फर्जी संस्था कार्यालय खोलकर आठ हजार से ऊपर छात्रों को चूना लगाया गया। लेकिन, इसकी भनक पुलिस को नहीं लगी। इस बीच कुछ छात्रों ने तोड़-फोड़ की कोशिश की। ओपी प्रभारी उदय शंकर ने आक्रोशित छात्रों को काफी समझाने की कोशिश की। लेकिन, कोई भी बात मानने को तैयार नहीं थे। सूचना पर पहुंचे लहेरियासराय थानाध्यक्ष आरके शर्मा, दंगा नियंत्रण दस्ता व महिला पुलिस बल की टीम को भी आक्रोश का सामना करना पड़ा। हालांकि, काफी मान-मनौव्वल के बाद संस्था पर प्राथमिकी दर्ज कार्रवाई करने के आश्वासन पर आंदोलन करने के लिए बाध्य हुए छात्र जाम हटाने को तैयार हो गए। इसके बाद छात्रों ने जाम हटाने को तैयार हो गए। इस तरह की घटना को देखते हुए एसएसपी मनोज कुमार ने सभी थानाध्यक्षों को फर्जी संस्था पर पैनी नजर बनाने का निर्देश दिया है। एमएसयू कार्यकर्ताओं के साथ पीड़ित छात्रों ने एसएसपी से फरियाद की। इसमें एमएसयू के विश्वविद्यालय अध्यक्ष अमन सक्सेना, प्रवक्ता जय प्रकाश झा, संगठन मंत्री अविनाश भारद्वाज के अगुवाई में मौके पर नरेंद्र कुमार, शिवेंद्र वत्स, गणपति मिश्रा, मनीष पांडेय आदि शामिल थे। एसएसपी ने त्वरित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। कहा कि प्राथमिकी दर्ज की जा रही है, बहुत जल्द परिणाम देखने को मिलेगा
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घर बैठे कमाई का जरिया बता किया ठगी :
कोतवाली ओपी के बगल स्थित संचालित वर्ल्ड बुक आर्गनाइजेशन नामक संस्था पर छात्रों ने लाखों रुपये ठगी करने का आरोप लगाया है। यह संस्था पहले शिक्षण संस्था के आस-पास इलाके को पहले टारगेट किया था। मसलन, विश्वविद्यालय के गेट से लेकर ऐसे शिक्षण संस्थान के इलाके जहां अधिक छात्र आते हैं वहां बैनर-पोस्टर लगाकर घर बैठे हजारों रुपये कमाने का प्रचार-प्रसार किया। इच्छुक आवेदकों से 20 जुलाई तक अंतिम आवेदन लेने की बात कही गई। इसके बाद संस्था के कार्यालय में भीड़ उमड़ पड़ी। वहां छात्रों को बताया गया कि घर बैठे कमाने के लिए एक स्कीम साप्ताहिक है तो एक मासिक । साप्ताहिक के सभी से 6 सौ रुपये मासिक के लिए सभी से 14 सौ रुपये सुरक्षित जमा राशि लिया गया। सभी आवेदकों को संस्था की ओर कुछ सादा कागज, एक-एक रबर, कटर, कलम, पेंसिल व रिफिल दिया गया। सभी को कैप्टल अक्षर में ए, बी, सी, डी
अंकित एक पेज दिया गया और कहा गया कि इसे दूसरे कागज पर उतार कर जमा करना है। एक पेज लिखने वाले छात्र को 14 रुपये बतौर मेहनताना देने का सपना दिखाया गया। इस जाल में हजारों छात्र जाल में फंस गए। मासिक कार्य पूरा करने वाले सैकड़ों छात्र जब संस्था पहुंचे तो पता चला कि यह संस्था यहां से जा चुकी है। इसके बाद छात्रों ने बवाल कर दिया।
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