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दरभंगा जंक्शन ब्लास्ट में स्थानीय कनेक्शन, खंगालने में जुटी है जांच एजेंसी

दरभंगा। दरभंगा जंक्शन ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसी स्थानीय कनेक्शन भी खंगाल रही है। बताया जाता

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 12:17 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 12:17 AM (IST)
दरभंगा जंक्शन ब्लास्ट में स्थानीय कनेक्शन, खंगालने में जुटी है जांच एजेंसी

दरभंगा। दरभंगा जंक्शन ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसी स्थानीय कनेक्शन भी खंगाल रही है। बताया जाता है कि सिकंदराबाद से पार्सल मंगाने वालों की छह महीनों की सूची बनाई गई है। उनके नाम और पता सत्यापन कराया जाएगा। इसके बाद जरूरत पड़ने पर पूछताछ की जाएगी। इसमें कई सिकंदराबाद से कपड़ा मंगाने वाले लोग शामिल हैं। हालांकि, जो सूची जांच एजेंसी को सौंपी गई है उसमें कपड़ा मंगाने वालों की संख्या काफी कम है। ऐसी स्थिति में यह कार्रवाई तेजी से होने की बात कही जा रही है। इधर, घटना की तिथि में सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस ट्रेन से आने वाले यात्रियों का भी डिटेल खंगाला जा रहा है। साथ ही कुछ दिन पहले का भी आंकड़ा तैयार किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में दरभंगा और आस-पास के जिले में बहुत जल्द छापेमारी की जाएगी।

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इस संदर्भ में जांच एजेंसियां और रेल पुलिस कुछ बताने को तैयार नहीं है। इतना कहा जाता है कि कार्रवाई चल रही है। काफी सफलता मिली है, बहुत जल्द मामले का पर्दाफाश कर दिया जाएगा। इधर, लोगों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि नगर विधायक संजय सरावगी ने पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी से कराने की मांग की है। ताकि, दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

आतंकियों के सेफ जोन को दहलाने की साजिश में बदले की आग तो नहीं ..

मिथिलांचल का दरभंगा क्षेत्र आतंकियों का सेफ जोन रहा है। इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापकों में से एक भटकल ने दरभंगा में रहकर यहां के शिवधारा में साइकिल की दुकान से पूरे मिथिलाचंल में संगठन को फैलाया था। अब तक दरभंगा सहित आस-पास के जिलों से गिरफ्तार 22 संदिग्ध आतंकियों में 12 स्थानीय बाशिदे हैं। इन सभी के खिलाफ लोकल थाने में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। बताया जाता है कि सभी बड़े शहरों में समय-समय पर धमाका कर दरभंगा में आराम फरमाते थे। यही कारण था कि जब भी इन लोगों के घर व ठिकानों पर छापेमारी अथवा गिरफ्तारी हुई तो एक चाकू तक की बरामदगी नहीं हुई। लेकिन, इन लोगों का घर व मोहल्ला लगातार जांच एजेंसी के टारगेट पर रहा, ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। नतीजा, रहा कि कुछ वर्षों तक इस तरह की कोई गतिविधि सामने नहीं आई। लेकिन, दरभंगा स्टेशन ब्लास्ट ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। कल तक जिस जगह को सेफ जोन मानकर संदिग्ध आतंकी आराम फरमाते थे वहां अब इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइइडी) में इश्तेमाल की जाने वाली की तरह केमिकल मंगाई जा रही है। ऐसी स्थिति में स्थानीय स्तर पर बड़ा धमाका करने की साजिश की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है। बदले की आग में पूर्व में गिरफ्तार किए गए संदिग्ध ऐसी साजिश रच सकते हैं, ऐसा जांच एजेंसी को भी शक है। यही कारण है कि स्थानीय तमाम पुराने रिकार्ड को फिर से खंगालने में जुटी है। ताकि, उसके गतिविधियों और जुड़े लोगों की जानकारी प्राप्त हो सके।


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