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शौचालय विवाद में कर दी थी हत्‍या, मिली उम्रकैद की सजा, जानिए पूरा मामला

शौचालय विवाद में दरभंगा के सहायक अवर निरीक्षक की हत्‍या कर दी गई थी। इस मामले में कोर्ट ने आरोपी पुजारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 30 May 2018 04:06 PM (IST)Updated: Wed, 30 May 2018 09:21 PM (IST)
शौचालय विवाद में कर दी थी हत्‍या, मिली उम्रकैद की सजा, जानिए पूरा मामला
शौचालय विवाद में कर दी थी हत्‍या, मिली उम्रकैद की सजा, जानिए पूरा मामला

दरभंगा [जेएनएन]। बिहार के दरभंगा में शौचालय विवाद में सहायक अवर निरीक्षक विजय कुमार की हत्‍या कर दी गई थी। इस हत्याकांड मामले में बुधवार को चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार मालवीय की अदालत ने लहेरियासराय आरक्षी निवास स्थित महावीर मंदिर के पुजारी विपीन सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई। विपीन मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट थाने के जारंग का रहने वाला है।

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कोर्ट ने हत्यारे को दस हजार रुपये अर्थदंड जमा कराने का आदेश पारित किया है। अर्थदंड नहीं जमा करने पर दो वर्ष अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतने का प्रावधान किया है। जिला मुख्यालय में दिनदहाड़े जमादार की हत्या क मामले में 2 वर्ष 6 माह और 15 दिनों के अंदर अदालत ने फैसला सुनाया है।

अभियोजन पक्ष का संचालन कर रहे लोक अभियोजक नसीरुद्दीन हैदर ने बताया कि जेल से उत्तर आरक्षी निवास के निकट 15 नवंबर 2015 की सुबह में आवास से तैयार होकर डयूटी पर जा रहे ट्रैफिक जमादार विजय कुमार के कलेजे में मंदिर के पुजारी विपीन सिंह ने चाकू घोंप दिया। जब तक उसे इलाज के लिए भेजा जाता, इस बीच घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। विजय पटना जिला के विक्रम थानाक्षेत्र के अदरचक निवासी था।

आरक्षी निवास के शौचालय में शौच करने से मना करने की रंजिश को लेकर अभियुक्त ने जमादार विजय का कत्ल कर दिया। अहले सुबह सरेआम जमादार की निर्ममतापूर्वक की गई हत्या से पूरा शहर थर्रा उठा था। घटना की प्राथमिकी लहेरियासराय थाने में एकल हत्याभियुक्त के विरुद्ध ट्रैफिक एसआइ वरुण कुमार के लिखित तहरीर पर भादवि की धारा 302 के तहत दर्ज हुई थी।

पुलिस अनुसंधान के क्रम में घटनास्थल पर गिरे खून, हत्या में प्रयुक्त चाकू और अभियुक्त के कपड़े पर लगे खून की रासायनिक जांच कराई गई, जिसमें समानता पाई गई। अदालत में स्पीडी ट्रायल के तहत मामले की सुनवाई शुरू हुई। 17 अगस्त 2016 को अदालत ने अभियुक्त के विरुद्ध धारा 302 में आरोप गठित किया। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से दस गवाहों को पेश किया गया। हत्या अभियुक्त घटना के बाद से ही जेल में है।

अदालत में सजा के बिन्दुओं पर सुनवाई के दौरान पीपी हैदर ने इसे सामाजिक अपराध बताते हुए कानून के रखवाले पुलिस जमादार के हत्यारे को फांसी की सजा देने की गुजारिश कोर्ट से की। बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिवशंकर झा ने अभियुक्त का प्रथम अपराध और कमउम्र का हवाला देते हुए रहम करने तथा न्यूनतम सजा देने की मांग की। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना निर्णय सुनाया।


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