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डिजिटल पहल में सूबे में आगे निकलने में जुटा लनामिविवि

नैक मूल्यांकन के क्षेत्र में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में अव्वल स्थान पर काबिज होने के बाद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एमएचआरडी के कार्यक्रम डिजिटल पहल में भी आगे निकल जाना चाहता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 01:06 AM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 06:11 AM (IST)
डिजिटल पहल में सूबे में आगे निकलने में जुटा लनामिविवि
डिजिटल पहल में सूबे में आगे निकलने में जुटा लनामिविवि

दरभंगा । नैक मूल्यांकन के क्षेत्र में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में अव्वल स्थान पर काबिज होने के बाद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एमएचआरडी के कार्यक्रम डिजिटल पहल में भी आगे निकल जाना चाहता है। इसके लिए कुलपति डॉ. सुरेंद्र कुमार सिंह विश्वविद्यालय के चार अग्रणी शिक्षण संस्थानों, दरभंगा के सीएम साइंस कॉलेज, सीएम कॉलेज, एमआरएम कॉलेज और बेगूसराय के जीडी कॉलेज को मॉडल रूप में तैयार करना चाहते हैं। अपनी इस मंशा के तहत उन्होंने 11-12 अप्रैल को राजभवन एवं एमएचआरडी के संयुक्त तत्वावधान में पटना में आयोजित कार्यशाला में इन कॉलेजों को शामिल कराया है। उच्च शिक्षा के बदलते स्वरुप के अनुरूप शैक्षणिक संस्थानों में डिजिटल पहल के लिए आयोजित कार्यशाला के पहले दिन सीएम साइंस कॉलेज एवं एमआरएम कॉलेज ने भाग लिया, जबकि दूसरे दिन के कार्यक्रम में सीएम कॉलेज एवं जीडी कॉलेज बेगूसराय ने अपनी भागीदारी दी। इस कार्यशाला में भाग लेकर लौटे प्रतिभागी महाविद्यालय के प्रधानाचार्यों के उत्साह को देखते हुए वह दिन दूर नहीं लगता कि डिजिटल क्षेत्र में भी लनामिविवि शीर्ष पर होगा।

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डिजिटल पहल की बेहतर शुरुआत में जुटा सीएम साइंस :

पटना में 11-12 अप्रैल को आयोजित इस कार्यशाला के पहले दिन आइक्यूएसी समन्वयक डॉ. अजय मिश्र, डॉ. अभय कुमार झा एवं डॉ. सुजीत कुमार चौधरी के साथ भाग लेकर शुक्रवार को दरभंगा लौटे सीएम साइंस कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. प्रेम कुमार प्रसाद ने कहा कि आधुनिक शिक्षा के बदलते स्वरूप के मद्देनजर महाविद्यालय पहले ही अपने विजन-2025 डॉक्यूमेंट के तहत उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल पहल की बेहतर शुरुआत के लिए कमर कस चुका है। डिजिटल पहल के अंतर्गत निर्धारित कार्यक्रमों के समुचित संचालन के लिए महाविद्यालय ने इसके समन्वयकों की नियुक्ति कर इन कार्यक्रमों से छात्रों को सीधे तौर पर जोड़ने के लिए अभियान चला रखा है। महाविद्यालय के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. कौशल कुमार सिंहा एवं आइक्यूएसी सहायक प्रवीण कुमार झा के अथक प्रयास से तैयार किए गए महाविद्यालय के विजन-2025 डॉक्यूमेंट में डिजिटल पहल के अंतर्गत निर्धारित कार्यक्रमों के अलावा महाविद्यालय परिसर को क्लीन, स्मार्ट व डिजिटल बनाने पर विशेष जोर दिया गया है और महाविद्यालय इसके लिए ठोस कदम उठा चुका है।

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विभिन्न कार्यक्रमों के समन्वयक नियुक्त :

प्रधानाचार्य डॉ. प्रसाद ने बताया कि डिजिटल कार्यक्रमों के बेहतर संचालन के लिए स्वयं कार्यक्रम का समन्वयक डॉ. अभय कुमार झा को एवं स्वयं प्रभा कार्यक्रम की कमान डॉ. निधि झा को, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी कार्यक्रम का समन्वयक डॉ. नेहा वर्मा, ई-यंत्र कार्यक्रम का समन्वय डॉ. अभय सिंह एवं वर्चुअल लैब को मूर्त रूप देने की जिम्मेवारी डॉ. रश्मि रेखा को दी गई है। बता दें कि सत्र 2016-17 में इस कार्यक्रम के तहत कुल 79 छात्रों का नामांकन हुआ था, लेकिन कतिपय कारणों से वह स्थगित रहा। बताया कि कुलपति प्रो. सिंह की पहल का प्रतिफल है कि इस विश्वविद्यालय के चार महाविद्यालय इसमें भाग ले रहे हैं।


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