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मिथिला विद्वानों की भूमि : गोपाल जी ठाकुर

नवयुवक संघ की ओर से कुर्सो राम जानकी मंदिर परिसर में आयोजित दो दिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोह का समापन शुक्रवार को हुआ।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 12:28 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 12:28 AM (IST)
मिथिला विद्वानों की भूमि : गोपाल जी ठाकुर
मिथिला विद्वानों की भूमि : गोपाल जी ठाकुर

दरभंगा । नवयुवक संघ की ओर से कुर्सो राम जानकी मंदिर परिसर में आयोजित दो दिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोह का समापन शुक्रवार को हुआ। कार्यक्रम के दूसरे दिन गुरुवार की शाम गीत संगीत व नृत्य की मनोरम प्रस्तुतियों के साथ-साथ सामाजिक जागरण का संदेश वाले नाटक का मंचन भी किया गया। कलाकारों ने इनके माध्यम से मिथिलांचल की बहुरंगी छटा बिखेरी। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यापति के तैलीय चित्र पर माल्यार्पण के साथ दीप प्रज्वलित कर हुआ। मैथिली गायक रामसेवक ठाकुर, पवन नारायण, ज्योति प्रिया, किरण झा ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। समारोह के मुख्य अतिथि गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि मिथिला की विद्वता का कोई जोड़ नहीं है। मिथिला विद्वानों की भूमि रही है। महाकवि विद्यापति का नाम शीर्ष पर है। सामाजिक, सांस्कृतिक, पारंपरिक, धार्मिक व साहित्यिक विकास में महाकवि का योगदान अविस्मरणीय है। सांस्कृतिक दिशा में स्थानीय युवाओं के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने चेतना समिति सदस्य किशोर नारायण चौधरी, कौशल चौधरी, सुमित चौधरी, रौशन झा, अमरेश चौधरी सहित स्थानीय लोगों का आभार व्यक्त किया।

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