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Mithila University: गृह विज्ञान विभाग में चल रहा फेल-पास का खेल! आंतरिक परीक्षा में छात्राओं को मिले 2 से 5 नंबर

फेल छात्राओं ने विभाग के कुछ शिक्षकों पर जानबूझकर आंतरिक मूल्यांकन में कम नंबर देने का आरोप लगाया। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। इसकी शिकायत कुलपति के पास पहुंच गई। सभी छात्राएं कुलपति के पास पहुंच गई। तब जाकर परीक्षा नियंत्रक को मामले को देखने के लिए कहा गया। इसके बाद छात्राओं को पास कर परीक्षा फॉर्म भरने की अनुमति दी गई।

By Prince Kumar Edited By: Rajat Mourya Published: Thu, 25 Apr 2024 04:37 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2024 04:37 PM (IST)
गृह विज्ञान विभाग में चल रहा फेल-पास का खेल! आंतरिक परीक्षा में छात्राओं को मिले 2 से 5 नंबर

जागरण संवाददाता, दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर गृह विज्ञान विभाग में इन दिनों फेल-पास का खेल चल रहा है। विभाग की छात्राओं ने आंतरिक मूल्यांकन में शिक्षकों पर गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं।

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आरोप है कि जानबूझकर आंतरिक परीक्षा में शून्य से लेकर 10 नंबर तक ही दिए जा रहे हैं। पीजी द्वितीय सेमस्टर सत्र 2022-24 की छात्राओं का आरोप था कि उन्हें लिखित परीक्षा में अच्छे अंक मिले, लेकिन आंतरिक मूल्यांकन में शिक्षकों ने बेहद कम अंक दिए।

लगभग चार दर्जन से अधिक छात्राओं को आंतरिक परीक्षा में फेल कर दिया गया। 11 अप्रैल को रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद जब छात्राओं को पता चला कि 30 नंबर की आंतरिक परीक्षा में किसी को शून्य तो किसी को एक से दो नंबर मिले हैं। तो छात्राओं में आक्रोश व्याप्त हो गया।

फेल छात्राओं ने विभाग के कुछ शिक्षकों पर जानबूझकर आंतरिक मूल्यांकन (अटेंडेंस, प्रोजेक्ट वर्क आदि के 30 अंक) में कम नंबर देने का आरोप लगाया। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। इसकी शिकायत कुलपति के पास पहुंच गई। सभी छात्राएं कुलपति के पास पहुंच गई। तब जाकर परीक्षा नियंत्रक को मामले को देखने के लिए कहा गया। इसके बाद संबंधित छात्राओं को उसी आंतरिक परीक्षा में पास कर परीक्षा फॉर्म भरने की अनुमति दे दी गई।

मूल्यांकन कार्य में लापरवाही का लगा रहे आरोप

गृह विज्ञान विभाग की छात्राओं ने बताया कि आंतरिक परीक्षा में कम अंक देने का यह पहला मामला नहीं है, पिछली कई परीक्षाओं से ही ऐसा होता आ रहा है। उन्होंने कहा कि विभागीय शिक्षक जानबूझकर आंतरिक परीक्षा में फेल कर रहे हैं। अगर हमलोग गलत नहीं होते तो, किस आधार पर फिर दोबारा सभी को पास कर दिया गया। अब ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इन्हें मूल्यांकन कार्य से वंचित कर देना चाहिए।

आंतरिक परीक्षा में कम अंक मिलने की शिकायत की जांच-पड़ताल करने के बाद कुछ छात्राओं को पास कर दिया गया है। - डॉ. विनोद कुमार ओझा, परीक्षा नियंत्रक, लनामिवि, दरभंगा

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