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आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने पंचायत सचिव को किया गिरफ्तार

दरभंगा। आर्थिक अपराध इकाई पटना की टीम ने पुराने मामले में बुधवार को हायाघाट प्रखंड कार्यालय परिसर मे

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 May 2018 12:31 AM (IST)Updated: Thu, 10 May 2018 12:31 AM (IST)
आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने पंचायत सचिव को किया गिरफ्तार

दरभंगा। आर्थिक अपराध इकाई पटना की टीम ने पुराने मामले में बुधवार को हायाघाट प्रखंड कार्यालय परिसर में छापेमारी कर एक पंचायत सचिव को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद प्रखंड कार्यालय में हड़कंप मच गया। कुछ कर्मी डर से भागे तो कुछ मामले की जानकारी लेने में लग गए। बताया जाता है कि प्रखंड के रसलपुर व घोषरामा पंचायत के पंचायत सचिव रत्नेश्वर दास प्रखंड कार्यालय से काम निपटाने के बाद बाहर निकलते ही उसे दबोच लिया गया। हायाघाट थाना की पुलिस के सहयोग से आर्थिक अपराध इकाई के इंस्पेक्टर ललन प्रसाद चौधरी की टीम पंचायत सेवक को दबोचने के लिए सुबह से ही जाल बिछा चुकी थी। इंतजार था सिर्फ कार्यालय से निकलने का। मौका देखते ही टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। स्थानीय थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि पंचायत सचिव के खिलाफ स्पेशल विजिलेंस कोर्ट मुजफ्फरपुर से वारंट निर्गत था जिसमें वे फरार चल रहे थे। इधर, आर्थिक अपराध इकाई के इंस्पेक्टर चौधरी ने बताया कि पकड़े गए पंचायत सचिव के खिलाफ कांड संख्या-1/12 दर्ज है। उन्होंने बताया कि आरोपित को स्पेशल विजिलेंस कोर्ट मुजफ्फरपुर में प्रस्तुत किया जाएगा। बता दें कि पंचायत सेवक दास वर्ष 2012 में ¨सहवाड़ा प्रखंड के हरिपुर पंचायत के पंचायत सेवक थे। वे जाले थाना क्षेत्र के केदराबाद निवासी रामनारायण दास के पुत्र हैं। यह है मामला ¨सहवाड़ा प्रखंड के हरिपुर पंचायत के इंदिरा आवास मामले को लेकर आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग पटना की टीम ने कांड 1/12 दर्ज किया था। इस मामले को लेकर 22 मई 2012 को टीम ने प्रखंड कार्यालय में छापेमारी कर अभिलेखों की जांच की थी। संबंधित साक्ष्य को लेकर बीडीओ से कागजात तलब किया। वहीं दस सदस्यीय टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों ने हरिपुर पंचायत के बरहुलिया, सरैया, हरपुर गांव में जाकर इंदिरा आवास की स्थिति का अवलोकन किया तथा लाभुकों से इस बारे में पूछताछ की। टीम ने लोगों से यह भी जानकारी ली कि शीघ्र उठाव के बाद भी मकान नहीं बनने के पीछे आखिर क्या कारण रहा। वर्ष 2009 के इंदिरा आवास योजना में गड़बड़ी को लेकर पूर्व मुखिया लक्ष्मेश्वर तिवारी ने ग्रामीण विकास विभाग से साक्ष्य के साथ शिकायत की थी। इसी आलोक में मामला दर्ज होने के बाद आर्थिक अपराध थाना पुलिस ने तत्कालीन बीडीओ रामजनम पासवान व नरेंद्र कुमार कर्ण सहित मुखिया डोमू पासवान, नाजिर लक्ष्मी प्रसाद, लिपिक ज्वाला प्रसाद सहित कर्मियों के आवास के साथ-साथ कार्यालय पर एक साथ छापेमारी कर कागजातों की जांच की थी।

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