अनशनकारियों की बिगड़ी स्थिति, शिक्षकों में आक्रोश
संबद्ध महाविद्यालय संघर्ष समिति के आह्वान पर शिक्षकों की चयन समिति के बाद स्थायी नियुक्ति के लिए अधिसूचना निकालने को लेकर गुरुवार को दूसरे दिन भी दो शिक्षकों ने अनशन पर रहे।
दरभंगा। संबद्ध महाविद्यालय संघर्ष समिति के आह्वान पर शिक्षकों की चयन समिति के बाद स्थायी नियुक्ति के लिए अधिसूचना निकालने को लेकर गुरुवार को दूसरे दिन भी दो शिक्षकों ने अनशन पर रहे। संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ. राम सुभग चौधरी ने कहा कि लनामिविवि में अराजक स्थिति बनी हुई है। यहां के पदाधिकारियों की कार्यशैली के कारण छात्रों से लेकर शिक्षकों तक में असंतोष की स्थिति बनी हुई है। विवि में दो दिनों से संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक सह प्रदेश जदयू शिक्षक प्रकोष्ठ के वरीय उपाध्यक्ष डॉ. राम मोहन झा एवं सचिव डॉ. चंद्रकांत मिश्र उर्फ बच्चा आमरन अनशन पर बैठे हुए हैं। लेकिन, इन दो दिनों का वीसी ने नोटिस तक नहीं लिया है। पहले दिन उप कुलानुशासक डॉ. एसपी सुमन को कुलसचिव ने भेजा था। लेकिन, खुद आकर वार्ता करने से कतराते हैं। इससे पहले ही संघर्ष समिति ने वीसी के कहने पर कुलसचिव से वार्ता की थी। उसका कोई समाधान नहीं हुआ। इस विवि से अलग हुआ बीएनएम विवि के कुलपति ने शिक्षक दिवस पर स्थायी नियुक्ति के लिए 19 अप्रैल 2007 से पहले नियुक्त संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों की अधिसूचना जारी कर नाम कमा लिया है। जबकि, यहां के वीसी दिन भर सिर्फ भाषण बाजी करते रहे। इन शिक्षकों की सुधि लेने की बात तो दूर अभी तक किसी तरह की पहल भी नहीं हुई है। जबकि, गर्मी के कारण दो दिनों में अनशनकारी शिक्षकों की हालत खराब हो चुकी है। अनशन स्थल पर हुई सभा में अखिल रंजन झा, अभय कुमार, यदुवीर भारती, नवल किशोर यादव, उदय शंकर मिश्र, डॉ. कुशेश्वर सहनी, शंभु ठाकुर, विश्वंभर प्रसाद यादव, नरेंद्र यादव, अशोक कुमार, डॉ. सुमन कुमार झा, सरोजानंद झा, इंद्र किशोर मिश्र, जगदीश चौधरी, संजीव कुमार झा, सुधीर कुमार झा, मो. जावेद आलम, अमर नाथ राय, शशांक शेखर आदि ने विचार रखते हुए विवि प्रशासन से अविलंब वार्ता की मांग की। इसके बाद शिक्षकों ने नारे लगाते हुए वीसी कार्यालय तक गए। वीसी आज मुख्यालय से बाहर थे। शिक्षकों का कहना था कि अगर विवि प्रशासन ने शीघ्र कोई निर्णय नहीं लिया तो कुलपति को नजर बंद कर दिया जाएगा। कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने कहा कि पहले दिन ही शिक्षकों को वार्ता के लिए बुलाया था। लेकिन, वे लोग आने से इन्कार कर दिए। आज कुलपति भी मुख्यालय में नहीं थे। दूसरी ओर छात्र आंदोलन को लेकर विवि भी बंद था। केवल उनको अपने कार्यालय में काम करने के लिए पांच घंटे का वक्त दिया गया था।