पुराण आधारित दुर्गा सप्तशती का विमोचन
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय ने दुर्गा सप्तशती पुस्तक का प्रकाशन कराया है।
दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय ने दुर्गा सप्तशती पुस्तक का प्रकाशन कराया है। यह पुस्तक कम कीमत पर बाजार में उपलब्ध होगी जिसका लाभ आम लोगों को मिलेगा। इस पुस्तक का निर्माण मिथिला में प्रचलित शाक्त परंपरा को ध्यान में रखकर किया गया है। कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने रविवार को अपने कार्यालय कक्ष में प्रेसवार्ता के दौरान यह बातें कही। कुलपति ने नव प्रकाशित दुर्गा सप्तशती का विमोचन भी किया। कुलपति ने कहा कि मिथिला की पावन भूमि आदिकाल से ही शक्तिपीठ के रूप में विख्यात रही है। यहां चारों नवरात्रों का आयेाजन होता है और भक्त दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले भक्तों की संख्या भी मिथिला क्षेत्र में कम नहीं है। ऐसे भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दो स्वरूपों में विश्वविद्यालय ने इसका प्रकाशन कराया है। एक स्वरूप पुस्तकाकार है एवं दूसरा पॉकेट साइज जिसे भक्त अपने पास सदैव रख सकते हैं। कुलपति ने बताया कि इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए कई लोगों ने आर्थिक सहयोग भी किया जिसके फलस्वरूप बाजार में उपलब्ध दुर्गा सप्तशती की अन्य प्रकाशनों की पुस्तकों की अपेक्षा विश्वविद्यालय से प्रकाशित पुस्तक काफी कम कीमत पर उपलब्ध है। इस पुस्तक के लिए लोगों को केवल 40 रुपये खर्च करने होंगे।
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भारतीय संस्कृति के तत्वों से समाज को अवगत कराने का प्रयास :
कुलपति प्रो. झा ने कहा कि यह विश्वविद्यालय प्राच्य विषयों के अध्ययन-अध्यापन एवं शोध के साथ-साथ प्राच्य विद्या में संरक्षित भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण तथ्यों से समाज को अवगत कराने का प्रयास किया जा रहा है।