Move to Jagran APP

दवा कारोबारियों ने लॉकडाउन के दौरान ग्राहकों का रखा ख्याल, घर तक पहुंचाई दवा

कोरोना काल के बीच दवा व्यवसायियों ने कोरोना योद्धा की तरह ग्राहकों का साथ दिया। जिले में खुदरा और थोक मिलाकर करीब 25 सौ दवा दुकानें चल रही हैं। संक्रमण के खतरों को पाटने के लिए लागू लॉकडाउन में दवा व्यवसायी ग्राहकों को सुविधा मुहैया कराने के लिए हर संभव प्रयास करते दिखे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 01:25 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 01:25 AM (IST)
दवा कारोबारियों ने लॉकडाउन के दौरान ग्राहकों का रखा ख्याल, घर तक पहुंचाई दवा

दरभंगा । कोरोना काल के बीच दवा व्यवसायियों ने कोरोना योद्धा की तरह ग्राहकों का साथ दिया। जिले में खुदरा और थोक मिलाकर करीब 25 सौ दवा दुकानें चल रही हैं। संक्रमण के खतरों को पाटने के लिए लागू लॉकडाउन में दवा व्यवसायी ग्राहकों को सुविधा मुहैया कराने के लिए हर संभव प्रयास करते दिखे। इस दौरान कई दवा व्यवसायी कोरोना संक्रमण की चपेट में भी आए थे। लेकिन दवा कारोबारियों ने हार नहीं मानी। लगातार बीमार मरीजों की जीवन रेखा को बनाए रखने के लिए 24 घंटे मौजूद रहे। लॉकडाउन काल में खुदरा दवा का व्यवसाय करीब 50 फीसद गिर गया था। अब स्थिति सामान्य है। कोरोना संक्रमण के बीच होम डिलीवरी को बनाया सेवा का जरिया ठाकुर मेडिकल हॉल के संचालक राजीव कुमार ठाकुर कहते हैं, मार्च से लेकर अगस्त माह तक दवा कारोबार भी कोरोना काल से प्रभावित हुआ। लेकिन इस बीच मरीजों की मदद को दवा व्यवसायी खुलकर सामने आए। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए गंभीर मरीजों को घरों तक होम डिलीवरी के माध्यम से दवाइयां पहुंचाई गई। ऑनलाइन पेमेंट से ग्राहकों ने भुगतान किया। ------------- च्यवनप्राश व इम्युनिटी बढ़ानेवाली दवाओं की बढ़ी थी मांग, लोगो को किया जागरूक दया मेडिकल हॉल के संचालक संजय कुमार कहते हैं, च्यवनप्राश के इस्तेमाल के लिए लोगों को प्रेरित किया गया। इम्युनिटी बढ़ाने, अकेलेपन को काउंटर करने, भाप को मददगार बनाने, मसालों के सही इस्तेमाल, कोरोना से बचाव के तरीकों और हल्दी व गिलोय के उचित इस्तेमाल के बारे में मिले सलाह के आधार पर लोगों को जागरूक किया। लॉकडाउन में भी खोली दुकान कंचन मेडिकल स्टोर्स के संचालक विवेक कुमार कहते हैं, मैंने लॉकडाउन के समय में भी अपनी दवा की दुकान बंद नहीं की। लॉकडाउन के दौरान सिर्फ जनता क‌र्फ्यू के दिन ही मेरी दवा दुकान बंद थी। वह भी कुछ घंटों के लिए। ग्रामीण क्षेत्रों के खुदरा दवा व्यवसायियों को दी सुविधा एक कंपनी के थोक दवा व्यवसायी आरके चंदन कहते हैं, लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के दवा कारोबारियों की जरूरत को देखते हुए ससमय दवा की स्टॉक पहुंचाने के लिए वाहन की फ्री में व्यवस्था की। साथ ही वाट्सएप व ऑनलाइन माध्यम से खुदरा दवा व्यवसायियों से जुड़ाव बना रहा। कर्मचारियों ने दिया सहयोग शांति मेडिकल हॉल के संचालक देव सिंह कहते हैं, कोरोना काल में मेडिकल पेशे से जुड़े लोगों की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई थी। ऐसे में मेरे स्टाफ ने भी इस काल में पूरी कर्मठता से काम किया। उन्होंने छुट्टियां नहीं लीं और अपने काम को बेहतर तरीके से अंजाम दिया। इससे मुझे बल मिला। सुरक्षा के उपायों का पालन करने से मेरा एक भी कर्मचारी कोरोना संक्रमण का शिकार नहीं हुआ। कूरियर से भेजी दवाएं बेंता चौक स्थित पूजा मेडिकल के संचालक अरूण चौधरी कहते हैं- कई ऐसे मरीज थे जो कि वृद्ध थे या कोरोना की वजह से आ सकने में सक्षम नहीं थे। कई मरीज दूर से आते थे। ऐसे मरीजों को सहयोग करना मेरी जिम्मेदारी थी, ताकि वे अपनी दवाइयां नियमित रूप से ले सकें। इसमें भारत सरकार का भी काफी सहयोग रहा। दवाइयों की कुरियर डिलीवरी की अनुमति थी। इससे मरीजों को नियमित तौर पर दवाएं पहुंचती रही। मैंने हायाघाट, बहेड़ी, बिरौल, बेनीपुर तक के कई हिस्सों में दवा पहुंचाई। भ्रामक जानकारियों से लड़ी जंग

loksabha election banner

अल्लपट्टी स्थित चंदा खुरदा मेडिकल हॉल के संचालक संतोष साह कहते हैं, लॉकडाउन के समय लोग ऐसे डरे हुए थे। कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे भ्रामक दवाइयों की स्क्रीनशॉट कैप्चर कर दवा देने की मांग करते थे। मैंने ऐसे ग्राहकों को जागरूक किया। भ्रामक दवाइयों के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी। ----------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.