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कैंपस (लीड) : दो दर्जन से अधिक शोधार्थियों को ऑनलाइन मौखिक परीक्षा के बाद दी गई पीएचडी की उपाधि

फोटो 3 डीआरजी 41 - लॉकडाउन के बाद यूजीसी के निर्देश पर पीएचडी शोधार्थियों की हुइ

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 07:09 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 07:09 PM (IST)
कैंपस (लीड) : दो दर्जन से अधिक शोधार्थियों को ऑनलाइन मौखिक परीक्षा के बाद दी गई पीएचडी की उपाधि
कैंपस (लीड) : दो दर्जन से अधिक शोधार्थियों को ऑनलाइन मौखिक परीक्षा के बाद दी गई पीएचडी की उपाधि

फोटो : 3 डीआरजी 41 - लॉकडाउन के बाद यूजीसी के निर्देश पर पीएचडी शोधार्थियों की हुई ऑनलाइन मौखिक परीक्षा

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- मौखिक परीक्षा के बाद सहायक प्राचार्य पद के लिए पीएचडी डिग्रीधारी करेंगे आवेदन जासं, दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में पीएचडी की मौखिक परीक्षा ऑनलाइन ली जा रही है। अब तक लगभग दो दर्जन से अधिक शोधार्थियों को ऑनलाइन मौखिक परीक्षा के बाद पीएचडी उपाधि दी गई है। बता दें कि विश्वविद्यालय में अनलॉक चार के बाद पीएचडी की मौखिक परीक्षा शुरू हुई है। विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति के लिए निकाले गए विज्ञापन के आलोक में ऐसे शोधार्थी जिनका शोध प्रबंध जमा हो चुका था। लेकिन मौखिक परीक्षा नहीं होने के कारण शिक्षकों के पदों पर आवेदन नहीं कर सके थे। वैसे पीएचडी शोधार्थियों को विवि द्वारा ऑनलाइन मौखिक परीक्षा आयोजित कर पीएचडी की उपाधि दी जा रही है। कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने परीक्षा समिति एवं विद्वत परिषद से पारित फैसले के बाद ऑनलाइन मौखिक परीक्षा करवाने का आदेश जारी किया था। बता दें कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के विज्ञापन के मद्देनजर कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने पीएचडी की मौखिक परीक्षा को गंभीरता से लिया है। कोरोना महामारी के कारण अधिकांश परीक्षक मौखिक परीक्षा को लेकर दरभंगा आने से कतराते रहे। ऐसे मामले भी आये जहां दो परीक्षक स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर विवि आने से इनकार कर दिया था। लेकिन कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने इन परीक्षकों को ऑनलाइन परीक्षा लेने के लिए राजी कर लिया था। अब जाकर पीएचडी शोधार्थियों का ऑनलाइन मौखिक परीक्षा के बाद पीएचडी की उपाधि दी जा रही है प्रथम ऑनलाइन पीएचडी मौखिक परीक्षा का आदेश समाजशास्त्र विषय में शोधार्थी वर्षा रानी के लिए पारित किया गया था। उप परीक्षा नियंत्रक प्रथम डॉ. आनंद मोहन मिश्र ने बताया कि लगभग दो दर्जन से अधिक शोधार्थियों को मौखिक परीक्षा आयोजित कर पीएचडी डिग्री प्रदान की जा चुकी है।


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