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बांग्लादेशियों के दरभंगा कनेक्शन से पुलिस हैरान

सदर थाना क्षेत्र के सारामोहनपुर डीह टोला में 7 मार्च 2016 को आठ बांग्लादेशियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के सामने चुनौती थी कि आखिर इनके पास कहां से जाली सर्टिफिकेट उपलब्ध हुए।

By Edited By: Published: Mon, 17 Oct 2016 03:05 AM (IST)Updated: Mon, 17 Oct 2016 03:05 AM (IST)

दरभंगा । सदर थाना क्षेत्र के सारामोहनपुर डीह टोला में 7 मार्च 2016 को आठ बांग्लादेशियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के सामने चुनौती थी कि आखिर इनके पास कहां से जाली सर्टिफिकेट उपलब्ध हुए। किन लोगों ने इन बंग्लादेशी घुसपैठियों को फर्जी सार्टिफिकेट उपलब्ध कराए। किसका बंग्लादेशियों से कनेक्शन है। मामले के उदभेदन के लिए आईबी और दरभंगा पुलिस लगातार सुराग जुटाने में लगी हुई थी। हालांकि, बंग्लादेशियों ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बताया था कि गौंसाघाट निवासी युसूफ नद्दाफ व संतोष कुमार यादव ने उनलोगों को फर्जी सार्टिफिकेट व वोटर आईडी उपलब्ध कराए हैं। इसी आधार पर बंग्लादेश के नौवाखली जिले के सिनगांग निवासी मो. अख्तर का पासपोर्ट भी बन चुका है। इसके बाद पुलिस के हांथ-पांव फूल गए थे। पुलिस युसूफ व संतोष की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी। युसूफ का गलत पता होने के कारण पुलिस उसके गिरेबान तक नहीं पहुंच पा रही थी। जबकि, संतोष इस घटना के बाद से भागकर नेपाल छिप गया था। संतोष की गिरफ्तारी व उसके निशानदेही पर पुलिस ने सदर प्रखंड मुख्यालय के सामने स्थित फोटो स्टेट दुकान में छापेमारी कर उसके मालिक सह मास्टर मुजफ्फरपुर जिला के कुढ़नी थाना क्षेत्र के माधोपुर चिकनी निवासी सुनिल कुमार पासवान को गिरफ्तार की। संतोष ने बताया था कि इसी फोटो स्टेट दुकान से वह सभी आठ बंग्लादेशियों के लिए जाली वोटर आईडी कार्ड बनवाया था। इसके लिए प्रति वोटर आईडी 200 रुपये खर्च करने पड़ते थे। वहीं उसने नगर थाना क्षेत्र के लालबाग निवासी मो. वसीरउद्दीन के पुत्र अधिवक्ता अजमेरी उर्फ मो. निजामुद्दीन के बावत बताया कि उससे जाली जन्म प्रमाण पत्र, जाली 8वीं, 10वीं का प्रमाण पत्र 250 रुपये प्रति के हिसाब से बनाता था। उसने बताया कि मो. अख्तर का पासपोर्ट बनाने के लिए अजमेरी से पांच हजार रुपये में मदरसा बोर्ड का सार्टिफिकेट भी बनवाया था। पुलिस ने अजमेरी के घर से भारी मात्रा में जाली सार्टिफिकेट व मुहर आदि बरामद की है। बताया जाता है कि अजमेरी वर्षों से जाली सार्टिफिकेट बनाने का काला कारोबार करता आ रहा था। इधर, पुलिस को संतोष की गिरफ्तारी के बाद युसूफ नद्दाफ के मामल गांव में भी छापेमारी की। लेकिन, युसूफ एक बार फिर से फरार होने में कामयाब रहा।

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गिरफ्तारी के बाद विकलांग संतोष ने खोले कई राज :

दरभंगा : गिरफ्तारी के बाद विकलांग संतोष कुमार यादव ने बताया कि वह ईंट भठ्ठा पर मजदूरी करता था। इस बीच 2012 में उसकी बहन की शादी कबीरचक निवासी स्व. धनी यादव के पुत्र से हुई। बहन के ससुर उस वक्त ¨जदा थे। वे सदर ब्लॉक पर रहते थे। उनके कहने पर वह लोगों का जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र बनवाले लगा। इसमें उसे आमदनी होने लगी। इसी बीच ब्लॉक पर ही उसकी मुलाकात युसूफ नद्दाफ से हुई। उसके कहने पर वह पासपोर्ट बनाने का धंधा करने लगा। उसने ही उसे पासपोर्ट ऑफिस में गोरे दलाल, लालबाग में वकील अजमेरी से मुलाकात कराया। शुरू-शुरू में अजमेरी से ही वह सभी तरह का जाली सार्टिफिकेट बनवाया। लेकिन, बाद में सदर ब्लॉक के सामने सुनील जी के फोटो स्टेट में कम पैसे में जाली वोटर आईडी बनने लगा तो वहां बनवाने लगे। बांकी प्रमाण पत्र अजमेरी से 200 रुपये में बनवाता था। उसने यह भी बताया कि इसी क्रम में युसूफ एक दिन बताया कि मेरे नाती मो. अख्तर का पासपोर्ट बनवाना है। इसके लिए भी उसने सारे सार्टिफिकेट बनवाए और अजमेरी ने उसे मदरसा बोर्ड का सार्टिफिकेट 5 हजार रुपये में बनाकर दिया। इसके बाद अख्तर का पासपोर्ट बना। इसमें उसने सदर थाना पर जाकर पासपोर्ट के कागज में पहचानकर्ता भी बना था।

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-फर्जी पासपोर्ट से भाया इंडिया सउदी अरब जाने की फिराक में गिरफ्तार बंग्लादेशी

दरभंगा : बड़ी आतंकी कार्रवाईयों से देश को दहला देने वाली खुफिया इनपुट के बीच सदर थाना पुलिस ने 7 मार्च 2016 को सारामोहनपुर से आठ बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से कई सारे मोबाइल फोन, सिम, और अन्य कई संदिग्ध सामान पाए गए थे। गिरफ्तार इन्हीं धाराओं में सदर थाने में 7 मार्च की तारीख में केस (120/16) भी दर्ज किया गया है। आइपीसी की धारा 420, 467, 471, 474, 484, 170, 120 बी भादवि तथा 12 इंडियन पासपोर्ट अधिनियम एवं 14 विदेशी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था। बताया गया था कि सभी बंग्लादेशी घुसपैठिए हैं और उनका एक मकसद पैसा देकर फर्जी कागजातों के आधार पर भारत का अवैध नागरिकता हासिल करना और इसी प्रमाण पत्र के आधार पर सउदी अरब जाने हेतु भारतीय पासपोर्ट हांसिल करने का प्रयास किया जा रहा था। बता दें कि गिरफ्तारी के वक्त बरामदगी में उनके पास से पासपोर्ट के कई आवेदन भी बरामद हुए थे। इसमें दरभंगा नगर निगम के नाम से जारी जन्म प्रमाण-पत्र, सदर थाने के गौसाघाट स्थित मध्य विद्यालय से 2005 में निर्गत स्कूल का सर्टिफिकेट भी पाया गया था।

ये आठ बंग्लादेशी घुसपैठिए सात महीने से खा रहे जेल की हवा :

-मो.अख्तर (24) पिता मो.हनीफ, पिता हनीफ गांव दक्षिण मोहम्मदपुर, थाना सिनवाग, जिला नौवाखाली, बांग्लादेश

-मो.आजाद (22), पिता जफर अहमद, साकिम देवीपुर, थाना सदर, जिला नौवाखाली

बांग्लादेश

-मो.रहमान (23) पिता अब्दुल सत्तार, साकिम दुर्गापुर, थाना बेगमगंज, जिला नौवाखाली, बांग्लादेश

-मो.दुलाल(22) पिता मो.शमशुल हक, गांव एनंद नगर, थाना वागुन भुईयां, जिला फेनी बांग्लादेश

-सुहैल हुसैन (25) पिता अमीर हुसैन, गांव दक्षिण उदमारा, थाना रायपुर, जिला लक्ष्मीपुर, बांग्लादेश

-मो.इमरान (22) पिता अली अनवर, गांव दक्षिण मोहम्म्दपुर, थाना सीनवार, जिला नौवाखाली, बांग्लादेश

-मो.नासीर (22) पिता अहमद शेख, गांव जागीरबाग, थाना सदर, जिला नौवाखाली, बांग्लादेश

-मो.कमरुल (23) पिता स्व.अब्दुल रजाक गांव चरमरोगी, थाना हैमचर, जिला चाकपुर, बांग्लादेश


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