चुनावी चौकसी के बीच बदमाशों ने लहराया तमंचा, की अंधाधुंध फायरिग, दहशत
कमतौल व जाले थानाक्षेत्र की सीमा पर स्थित बैंक ऑफ इंडिया की ब्रह्मपुर कदम चौक शाखा में सोमवार की शाम चुनावी चौकसी के बीच माहौल बिल्कुल शांत था। बैंक के सामने ग्रामीण बाजार सजी थी। हर तरफ सुरक्षा और शांति का भाव कायम था।
दरभंगा । कमतौल व जाले थानाक्षेत्र की सीमा पर स्थित बैंक ऑफ इंडिया की ब्रह्मपुर कदम चौक शाखा में सोमवार की शाम चुनावी चौकसी के बीच माहौल बिल्कुल शांत था। बैंक के सामने ग्रामीण बाजार सजी थी। हर तरफ सुरक्षा और शांति का भाव कायम था। इसी बीच अचानक से बैंक परिसर में तीन बाइकों पर हेल्मेट व नकाब लगाए आधा दर्जन बदमाश अलग-अलग आग्नेयास्त्र के साथ दाखिल हुए। परिसर में दाखिल होने के साथ बदमाशों ने अपना-अपना स्थान ले लिया। पूरी टीम को सुरक्षित करते हुए गिनती के बदमाश कैश लेकर वैन से एटीएम में प्रवेश कर रहे कर्मियों के पीछे एटीएम कक्ष में घुसे। घुसने के साथ सभी कर्मियों को अपनी गिरफ्त में ले लिया। इससे पहले कि कैश वैन के साथ आया गार्ड अपनी बंदूक संभाल पाता बदमाशों ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया। कनपट्टी पर तमंचा सटाया और उसकी बंदूक छीन दूर फेंक दी। इसी के साथ पूरा कैश बारह लाख बैग समेत लेकर भागने लगे। इस बीच लूट की घटना की सूचना बैंक के अंदर गई। बैंक में इलाके के कई लोग अपना कामकाज कर रहे थे। बदमाशों को लगा कि कहीं विरोध न हो जाए। सो, जाते वक्त बदमाशों ने फायरिग शुरू कर दी। बदमाशों की ओर से फायरिग होता देख बैंक में काम करने आए इलाके के एक युवक ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से आत्मरक्षार्थ गोली चलाई। करीब एक दर्जन से ज्यादा चक्र गोली चलने के बाद इलाके में दहशत की स्थिति कायम हो गई। बदमाशों की गोली से एक ग्रामीण युवक के जख्मी होने के साथ अफरा-तफरी मची और इसका लाभ लेकर बदमाश भाग निकले। एसएसपी ने बनाई टीम, सीसी कैमरे से मिले बदमाशों के हुलिए के आधार पर छापे
मामले की गंभीरता को देखते हुए वरीय पुलिस अधीक्षक बाबूराम ने स्वयं के नेतृत्व में छापेमारी शुरू कराई है। इसके अतिरिक्त सदर एसडीपीओ अनोज कुमार के नेतृत्व विशेष टीम का तत्काल गठन कर बदमाशों की गिरफ्तारी का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया है। पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर बदमाशों के हुलिए की जानकारी सीसी कैमरे के फुटेज से ली है। इस आलोक में पुलिसिया नेटवर्क से जानकारी जुटाते हुए संबंधितों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। देर रात तक पुलिस को कोई उल्लेखनीय उपलब्धि नहीं मिली थी।
तो बदमाशों को पता था कैशवैन के आने का वक्त
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जिस अंदाज में बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया है उससे एक बात साफ हो गई है कि उन्हें कैश वैन और उसके कर्मियों के बारे में पूरी जानकारी पहले से थी। साथ ही बैंक गार्ड व अन्य सुरक्षा प्रबंधों से भी वो वाकिफ थे। बताते हैं कि बदमाश पूरी प्लानिग के साथ आए थे। जैसे ही कैश वैन आकर खड़ी हुई बदमाश बैंक परिसर में दाखिल हुए। बदमाशों के आने और कैश वैन से कर्मियों के एटीएम में दाखिल होने के बीच का अंतर पल भर नहीं था। पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि कैशवैन पर तैनात कर्मियों की भूमिका कैसी थी।
इलाके के भौगोलिक बनावट की थी जानकारी
बताते हैं कि बदमाशों को पूरे इलाके की भौगोलिक बनावट के बारे में जानकारी थी। नतीजा वो लूट की घटना को अंजाम देने आए भी आराम से और घटना को अंजान देने के बाद निकल भी गए आराम से। घटना से पहले उन्होंने बैंक परिसर की रेकी की होगी। साथ ही उनके गिरोह का कोई सदस्य पहले से वहां ग्राहकों के बीच शामिल था जो उन्हें पल-पल की जानकारी दे रहा था।
और अकेले लव ने किया बदमाशों का विरोध
घटना के वक्त बैंक के सामने ग्रामीण बाजार सजी थी। लोगों की भीड़ खरीदारी कर रही थी। बैंक में भी लोगों की भीड़ थी। इस बीच बदमाशों का विरोध करने की हिम्मत किसी ने नहीं दिखाई। यदि कोई आगे बढ़ा तो बैंक में अपना काम करने आया युवक लव कुमार ठाकुर आगे आया। युवक ने जान की बाजी पर अपनी पिस्टल निकाली। तीन चक्र गोली चलाई। लेकिन, तबतक बदमाशों ने दर्जनों चक्र गोली चलाकर लव को चुनौती दी। लव के साथ यदि कुछ और लोग मिल गए होते तो शायद बदमाश मौके पर ही दबोचे जाते। एक गार्ड छिप गया कैशवैन में, दूसरे से बदमाशों ने छीन ली बंदूक
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों की ओर से बदमाशों का विरोध करने की हिम्मत नहीं की गई। बदमाशों के तेवर देख एक गार्ड कैशवेन में ही छिप गया। वहीं दूसरे ने थोड़ी बहुत हिम्मत दिखाई तो बेखौफ बदमाशों ने उसकी बंदूक ही छीन ली।
इससे पहले कि कुछ समझता जांघ में लग गई गोली बैंक के सामने ग्रामीण बाजार सजी थी। बाजार में सब्जी खरीदने आए थे सेवानिवृत फौजी रामपृत ठाकुर के पुत्र रतनपुर निवासी महेश कुमार शर्मा 'ठाकुर' सब्जी की दुकान पर मोलभाव कर रहे थे। इसी बीच अचानक से लूट होने लगी। अपराधियों की ओर से गोली चलने लगी। अभी कुछ समझ पाते शोर होने लगा- डकैत-डकैत। लोग बतेहाशा भागने लगे। महेश बताते हैं- इसी बीच एक गोली मेरे पैर में लग गई और मैं गिर गया। मैं तो हैदराबाद में मजदूरी करता हूं। लॉकडाउन में गांव आया था। इसी सप्ताह वापसी का प्लान था। लेकिन, यह घटना हो गई।