अपराध पर नियंत्रण सरकार की पहली प्राथमिकता : एडीजीपी
अपर पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर ) अमित कुमार ने मंगलवार को प्रमंडलीय आयुक्त सभागार में दरभंगा प्रक्षेत्र के पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक कर 15 अगस्त से जारी होने वाली नई पुलिसिग व्यवस्था की तैयारी की समीक्षा की।
दरभंगा। अपर पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर ) अमित कुमार ने मंगलवार को प्रमंडलीय आयुक्त सभागार में दरभंगा प्रक्षेत्र के पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक कर 15 अगस्त से जारी होने वाली नई पुलिसिग व्यवस्था की तैयारी की समीक्षा की। उन्होंने बारी-बारी से प्रक्षेत्र के दस जिलों के एसपी से थाना स्तर पर विधि व्यवस्था एवं अनुसंधान के लिए तैनात किए गए अलग-अलग पुलिस पदाधिकारियों की जानकारी ली। कहा कि इन दोनों पदाधिकारियों का अपना कार्यालय होगा। जहां से अपने कार्यो का निष्पादन करेंगे। हालांकि, दोनों को थानाध्यक्ष ही नियंत्रित करेंगे। वहीं थाना प्रबंधकों की नियुक्ति पर फीड बैक लिया। स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब थाना और ओपी पर सिपाही अथवा हवलदार स्तर के कोई मुंशी नहीं होंगे। संबंधित जिले के एसपी अपने विवेक का इस्तेमाल कर दारोगा अथवा सहायक दारोगा स्तर के पदाधिकारियों को लेखन पदाधिकारी बनाएंगे। इसमें किसी की तरह की लापरवाही नहीं बरतेंगे अन्यथा सख्ती से कार्रवाई होगी।
आइजी पंकज दाराद, दरभंगा डीआइजी क्षत्रनील सिंह, सहरसा डीआइजी सुरेश कुमार चौधरी और राजेश त्रिपाठी को उन्होंने पूरी तैयारी को बेहतर ढंग से धरातल पर उतारने की जिम्मेवारी दी। कहा कि अपराध नियंत्रण करना सरकार की पहली प्राथमिकता है। इसलिए थाने और ओपी स्तर पर लगातार निरीक्षण कर किए गए कार्यो की समीक्षा करें। सभी थानों में कम से कम दो वाहनों उपलब्धता, पुलिस गश्ती, भूमिहीन एवं भवनहीन थानों के निर्माण की दिशा में की जाने वाली पहल पर विस्तार से चर्चा की। प्रभावकारी अपराध नियंत्रण पर सभी एसपी से लिया सुझाव :
दस वर्षो के तुलनात्मक अपराध आंकड़ा के साथ वर्ष 2018 के दौरान थानावार अपराध विश्लेषण की जानकारी ली। इस दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रभावकारी अपराध नियंत्रण एवं अनुसंधान हेतु की जा रही कार्रवाई पर सभी एसपी से सुझाव लिया। कहा कि व्यवस्था को इस तरह विकसित करने की जरूरत है कि गड़बड़ एवं अपराध करनेवाले पकड़ में आ सकें। दूसरे पालियों की बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक कुमार ने पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने पर बल दिया। कहा कि आरोपितों और शातिर अपराधियों को सजा दिलाने के लिए सघनता के साथ ट्रायल चलाए और साक्ष्य प्रस्तुत करें। इससे अपराध पर नियंत्रण ही नहीं होगा बल्कि, पीड़ितों को भी समय रहते इंसाफ मिलेगा। दागी दारोगा और इंस्पेक्टर को 8 अगस्त से पहले थानेदार और अंचल इंस्पेक्टर के पद से हटाने का निर्देश दिया। क्षेत्र में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बना रहे इसके लिए सभी पुलिस पदाधिकारियों को चौकस रहने की जरूरत है। थाने क्षेत्र में कहीं भी किसी तरह के समारोह का आयोजन हो तो भीड़ को नियंत्रित करना जरूरी है। महिलाओं की सुरक्षा पर दें विशेष ध्यान :
महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना है। सीसीटीवी से निगरानी हो और बैठने की व्यवस्था, उत्तम रोशनी, पेयजल आदि की व्यवस्था आयोजकों की मदद से पहले ही पूरी कर लें। ताकि, भविष्य में कोई दिक्कत नहीं हो। आयोजकों की टीम में शामिल सदस्यों का नाम, पता, मोबाइल नंबर और तस्वीर के साथ सूची संधारण करने को कहा। बैठक में दरभंगा एसएसपी बाबू राम, नगर एसपी योगेंद्र कुमार, समस्तीपुर एसपी दीपक कुमार वर्णवाल, मधुबनी के डॉ. सत्य प्रकाश, सहरसा के राकेश कुमार, मधेपुरा के संजय कुमार, सुपौल एसपी मृत्युंजय चौधरी, पूर्णिया एसपी विशाल शर्मा, कटिहार एसपी विकास कुमार, किशनगंज एसपी कुमार आशीष और अररिया एसपी धुरक सावली सावला राम सहित सभी एसडीपीओ और अंचल निरीक्षक उपस्थित थे।