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नियमों की अनदेखी कर घरेलू गैस का हो रहा व्यावसायिक उपयोग

दरभंगा। सरकार की ओर से उपभोक्ताओं के हित में बनाए गए नियमों को दरकिनार कर शहर में घरेलू गैस का व्यवसायिक उपयोग सरेआम किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 11:50 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 06:11 AM (IST)
नियमों की अनदेखी कर घरेलू गैस का हो रहा व्यावसायिक उपयोग

दरभंगा। सरकार की ओर से उपभोक्ताओं के हित में बनाए गए नियमों को दरकिनार कर शहर में घरेलू गैस का व्यवसायिक उपयोग सरेआम किया जा रहा है। इसके बाद भी अधिकारियों की ओर से इस पर रोक लगाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है। शहर के किसी भी होटल व रेस्टूरेंट के साथ ही छोटे-छोटे दुकानों में इस तरह का तमाशा देखा जा सकता है। बगैर किसी भय के लोगों की ओर से व्यवसायिक उपयोग किए जाने संबंधित जानकारी आम उपभोक्ताओं की ओर से अधिकारियों को दी जाती है। लेकिन, इसका कोई असर नहीं होता है। जाले प्रखंड की मैमून खातून, सोनदाई देवी, जरीना खातून, अनवरी खातून व शीला देवी ने बताया कि एजेंसियों के जरिए व्यवसाय करने वाले लोग घरेलू गैस प्राप्त करते हैं। विदित हो कि व्यावसायिक गैस सिलिडर की कीमत 12 से 14 सौ रुपये के बीच है। लेकिन, घरेलू गैस सिलेंडर कालाबाजार में 800 से 900 रुपये में मिलता है। होटल मालिक पैसे बचाने के लिए व्यावसायिक सिलेंडरों के बदले घरेलू गैस सिलेंडरों का उपयोग करते हैं। इन दुकानदारों पर पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारी की नजर पड़ती है। लेकिन, इसपर कोई कार्रवाई नहीं होती है। रसोई गैस की कालाबाजारी व रिफिलिग का अवैध कारोबार एजेंसी प्रबंधकों व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है।

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अधिकारी नहीं करते हैं कोई कार्रवाई :

होटलों में सफाई की बात हो या फिर खाद्य सामग्रियों की जांच यह कहीं भी देखने को नहीं मिलती है। इसकी वजह से होटल संचालकों की ओर से धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलेंडरों का उपयोग किया जाता है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण ही होटल व रेस्टोरेंट मालिक व्यवसायिक सिलेंडरों का उपयोग करना नहीं चाहते हैं।

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उपभोक्ताओं का हक काटकर होती है कालाबाजारी :

नियमों के मुताबिक, हर वर्ष आम उपभोक्ता को सब्सिडी वाले 12 गैस सिलेंडर मिलते हैं। लेकिन, तमाम उपभोक्ता पूरे साल में 12 गैस सिलेंडर खरीद नहीं पाते हैं। गैस सिलिडर उपभोक्ता नहीं उठाते तो उनकी कालाबाजारी की जाती है। पांच किलोग्राम के सिलेंडरों में गैस भरवाने का दुकानदार पांच सौ रुपये लेते हैं। ये दुकानदार बड़े घरेलू गैस सिलेंडरों को ब्लैक में साढ़े सात से आठ सौ रुपये तक में खरीदते हैं, जबकि छोटे सिलेंडरों में रिफिलिग करने वाले दुकानदार एक बड़े सिलेंडर से सात सौ रुपये तक का मुनाफा कमाते हैं।

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गैस के लिए उपभोक्ताओं को करना पड़ता है धैर्य के साथ इंतजार :

होटलों में घरेलू गैस का उपयोग होने से जहां होटल मालिक मजे में हैं, वहीं उपभोक्ता परेशान हैं। होटलों में घरेलू गैस का उपयोग होने के कारण गैस की कालाबाजारी करने वाले भी सक्रिय हैं। होटलों में गैस का उपयोग ज्यादा होने के कारण आम उपभोक्ताओं को गैस का सिलेंडर समय पर नहीं मिल पा रहा है। गैस टंकियों के लिए उन्हें बार-बार भटकना पड़ता है।

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फल-फूल रहा है अवैध रिफिलिग का कारोबार :

इधर, जिले में अवैध रिफिलिग का करोबार धड़ल्ले से फलफूल रहा है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि घरेलू गैस सिलेंडरों से एक-एक किलो गैस कम कर एक सिलेंडर तैयार कर लिया जाता है, जिसे अवैध रूप से होटल संचालकों को बेच दिया जाता है।

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