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संस्कृत विश्वविद्यालय में बिलिस व डिलिस की पढ़ाई का रास्ता साफ

प्राच्य विषयों के साथ संस्कृत विश्वविद्यालय में अब पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में स्नातक यानी बिलिस और पुस्कालय एवं सूचना विज्ञान में डिप्लोमा यानी डिलिस की भी पढ़ाई होगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 12:41 AM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 12:41 AM (IST)
संस्कृत विश्वविद्यालय में बिलिस व डिलिस की पढ़ाई का रास्ता साफ
संस्कृत विश्वविद्यालय में बिलिस व डिलिस की पढ़ाई का रास्ता साफ

दरभंगा। प्राच्य विषयों के साथ संस्कृत विश्वविद्यालय में अब पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में स्नातक यानी बिलिस और पुस्कालय एवं सूचना विज्ञान में डिप्लोमा यानी डिलिस की भी पढ़ाई होगी। दोनों पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित योजना के तहत चलेंगे। का¨सदसंविवि में शनिवार को आयोजित ¨सडिकेट की विशेष बैठक में इनके सिलेबस पर मुहर भी लग गई। कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा की अध्यक्षता में शुरू हुई ¨सडिकेट की बैठक में कई एजेंडों पर लिए गए निर्णय भी अहम रहे। पीआरओ निशिकांत ने बताया कि सबसे पहले प्रोन्नति समिति की अनुशंसा के आलोक में विवि मुख्यालय एवं अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकेत्तर कर्मियों की प्रोन्नति के मामले को अनुमोदित कर दिया गया। प्रति कुलपति प्रो. चंद्रेश्वर प्रसाद ¨सह ने प्रोन्नत हुए कर्मियों की जानकारी दी। वहीं स्नातकोत्तर विभागों एवम अंगीभूत कॉलेजों के स्वीकृत रिक्त पदों पर अंशकालीन शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बने पैनल को भी हरी झंडी दे दी गई। इसको लेकर हाल ही में अंतरवीक्षा ली गई थी। विषयवार पैनल की स्थिति बैठक में कुलपति ने कहा कि नियुक्ति में सभी नियमों का पालन गहराई से किया गया। जिन विषयों में सुयोग्य शिक्षक नहीं मिले हैं वे पद खाली रह गए। इसके लिए दोबारा विज्ञापन निकाला जाएगा। उन्होंने सदन को बताया कि साहित्य के 32 में 16, व्याकरण के 47 में12,ज्योतिष के 20 में 7, संस्कृत के 6 में 4, अंग्रेजी के 16 में 7, ¨हदी के 19 में 19, धर्मशास्त्र के 6 में 5, वेद के 10 में 3, सर्व दर्शन न्याय के 5 में 5,बौद्ध दर्शन/ पाली के 3 में 1,जैन दर्शन व प्राकृत के 2 में शून्य,इतिहास के7 में 7, राजनीतिशास्त्र के 7 में 7 , अर्थशास्त्र के 4 में 3,समाजशास्त्र के 4 में 4 तथा मैथिली के 4 में 4 पदों पर ही नियुक्ति हो पाएगी। यानी कि कुल 192 में से 104 पदों पर ही योग्य उम्मीदवारों का चयन हो पाया। शेष पद रिक्त रह गए। बैठक के दौरान सदस्य विनय कुमार चौधरी, डॉ. कन्हैया चौधरी एवम शकुंतला गुप्ता ने कालेजों में शासी निकाय की बैठक को लेकर प्रधानाचार्यों की नकारात्मक व नियम के विपरीत कार्यप्रणाली का मुद्दा उठाया। खासकर लगमा, शाहपुर, संग्रामपुर, मनियारी, पातेपुर स्थित संस्कृत कालेजों की चर्चा बैठक में खूब हुई। वहीं दूसरी ओर कुलपति प्रो. झा ने सदन को आश्वस्त किया कि मान्य सदस्यों की भावनाओं का पूरा ख्याल रखा जाएगा एवम दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही डॉ. विनय कुमार चौधरी ने काशीनाथ झा, द्वारिकानाथ झा एवम सुबोध झा के वेतन पर लगी रोक का मुद्दा उठाया। इसपर कुलपति ने साफ कहा कि इनलोगों के लिए सरकार या फिर राज्यपाल से फ्रेश आदेश जरूरी है। इसी तरह डॉ. चौधरी द्वारा अनुकंपा पर पाल्यों की नियुक्ति के मामले में कुलपति ने कहा कि स्वीकृत पदों के अनुपात में इस कोटि के लोग पहले से ही ज्यादा बहाल हो चुके हैं।फिर भी सदस्यों ने उनसे सरकार को बहाली संबंधित पत्र लिखने का अनुरोध किया। इसी तरह डॉ. कन्हैया चौधरी ने मुख्यालय में एक आयुर्वेदिक चिकित्सक की बहाली का मुद्दा उठाया। वहीं शकुंतला गुप्ता ने गृह विज्ञान की पढ़ाई शुरू करने का मुद्दा उठाया। दोनों सवालों पर कुलपति ने सकारात्मक जवाब दिया। बैठक में मुख्य रूप से वीसी प्रो. झा, प्रोवीसी प्रो. ¨सह के अलावा प्रो. शिवाकांत झा, डॉ. दिलीप कुमार चौधरी, डॉ. विनय कुमार चौधरी, डॉ. जितेंद्र कुमार, डॉ. दिनेश झा, डॉ. पुरेंद्र वारिक, प्रो. शशिनाथ झा, डॉ. कन्हैया चौधरी, डॉ. ब्रह्मानंद चतुर्वेदी व कुलसचिव कर्नल नवीन कुमार मौजूद थे।

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