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लंबी आयु के बोनसाई की कीमत लाखों रुपये : भल्ला

बोनसाई विशेषज्ञ अनिल कुमार भल्ला ने कहा है कि बोन का मतलब छोटा, सई का मतलब पौधा और दोनों मिलकर बोनसई होता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 01:27 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 01:27 AM (IST)
लंबी आयु के बोनसाई की कीमत लाखों रुपये : भल्ला

दरभंगा। बोनसाई विशेषज्ञ अनिल कुमार भल्ला ने कहा है कि बोन का मतलब छोटा, सई का मतलब पौधा और दोनों मिलकर बोनसई होता है। इस कला में यह सिखाया जाता है कि प्राकृतिक प्रदत्त पौधे जिसका आकार बड़ा होता है उसी पौधे को छोटा आकार देकर गमला में सुसज्जित करने की कला को बोनसाई कहते हैं। विश्व में बढ़ती आबादी के कारण दिन प्रतिदिन ऑक्सीजन की कमी होती जा रही है। ऐसी परिस्थिति में बोनसाई विधि से अपने घर में लोग पौधा लगाकर ऑक्सीजन सृजित कर सकते हैं। इस विधि से तैयार किए गए पौधे की आयु भी बहुत बड़ी होती है। लंबी आयु के पौधे की कीमत लाखों रुपये होती है। अपने देश में तो अब लोग व्यवसाय के लिए भी इस पौधा को तैयार करते हैं। वे उतरी बिहार उद्यान समिति की ओर से रविवार को मब्बी के समीप डॉ. पीएन मिश्रा के कैंपस में आयोजित बोनासाई कला पर कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। वर्कशॉप में करीब 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया। भल्ला ने बोनसाई पौधों की क¨टग और वैज्ञानिक तरीके से लगाने की विधि, पौधरोपण का समय आदि की जानकारियां दी। प्रतिभागियों को छोटे छोटे ग्रुप में बांटकर उनकी जिज्ञासा एवं प्रश्नों का समाधान अनिल भल्ला ने किया। 315 से अधिक पौधों की बोनसाई प्रजातियों को प्रतिभागी अपने साथ लाए थे। मौके पर अध्यक्ष डॉ लता खेतान, सचिव विनोद कुमार सरावगी, विनोद कुमार पंसारी, डॉ रामबाबू खेतान, नवीन कुमार बरोलिया, शिव भगवान गुप्ता,राजकुमार पासवान, संजय ¨सहा, डॉ उषा झा, मुकेश कुमार खेतान, तरुण मिश्रा, शिवम खेतान, अजय पासवान, बाल गो¨वद ठाकुर आदि मौजूद रहे।

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