Move to Jagran APP

छठ घाटों की सफाई की आस लगाए बैठे व्रती

छठ पर्व को कुछ ही दिन शेष है। लेकिन ग्रामीण सहित शहरी क्षेत्र में छठ घाटों की सफाई का कार्य अभी तक शुरु नहीं हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 01:24 AM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 01:24 AM (IST)
छठ घाटों की सफाई की आस लगाए बैठे व्रती

दरभंगा । छठ पर्व को कुछ ही दिन शेष है। लेकिन ग्रामीण सहित शहरी क्षेत्र में छठ घाटों की सफाई का कार्य अभी तक शुरु नहीं हुआ है। जागरण की टीम ने शनिवार को सदर प्रखंड के कबीरचक स्थित गोसाई टोला धन कुनिया पोखर में छठ घाटों की पड़ताल की। यहां मात्र एक ही पोखर है। पर्व करीब होने के बाबजूद भी अभी तक यहां छठ घाटों की सफाई शुरू नहीं कराई गई है। जबकि सदर प्रखंड मुख्यालय भी इसी पंचायत में अवस्थित है। स्थानीय लोग घाटों की सफाई का इंतजार कर रहे है।पूरे पोखर में जलकुंभी अपना डेरा डाले हुआ है।

loksabha election banner

------------

कहते है लोग

पर्व का मात्र कुछ ही दिन शेष है। इस बार यहां मोहल्ले के लोग कैसे छठ मनाएंगे, पता नहीं। हर साल पोखर का ठेका लेने वाले इसकी सफाई कराते थे। इस बार कहीं से कोई सहयोग नहीं दिखाई दे रहा है।

¨बदेश्वर यादव।

-------------

पूरे कबीरचक मोहल्ले का मात्र छठ पर्व करने का साधन यही पोखर है। इस बार न ही यहां सरकार के द्वारा कोई सफाई का बंदोबस्त कराया जा रहा है और न ही पोखर के ठेकेदार के द्वारा। हर वर्ष पोखर का सफाई ठेकेदार और स्थानीय लोगों के सहयोग से कराया जाता था।

श्रीनाराण यादव।

-------------

प्रशासन की पहल नहीं होगी तो पर्व लोग कैसे मनाएंगे। हम लोग मजदूरी के लिए घर से सुबह बाहर निकल जाते है फिर शाम को लौटते है। मजदूरी नहीं करेंगे तो परिवार का बसर कैसे होगा? ऐसे में हम लोगों के लिए घाटों की सफाई मुश्किल लगती है।

गोपाल यादव।

--------------

पोखर में इतनी गंदगी है कि इस बार पर्व मनाना कठिन लग रहा है। पूरे पोखर में जलकुंभी भरा हुआ है। बारिश कम होने के कारण पानी से दुर्गंध भी आ रही है।

बिल्टू यादव।

-------------

प्रत्येक साल जैसे तैसे घाट की सफाई तो हो जाती थी पर बिजली प्रत्येक वर्ष हम लोग आपसी चंदा से करते थे। कुछ सहयोग प्रतिनिधि से मिल जाता था। इस बार किसी का पहल नहीं हो रहा है।

राम श्रेष्ठ यादव।

----------

कहते है बीडीओ

घाटों की सफाई के लिए कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। प्रखंड में इसके लिए अलग से कोई कोष भी नहीं है। वरीय पदाधिकारी के आदेश का इंतजार है। जैसा निर्देश होगा उसके अनुसार कार्य किया जाएगा।

रवि सिन्हा।

-------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.