सुरक्षा मानकों की अनदेखी दुर्घटनाओं को दे रही न्योता
ठंड के दिनों में रात के वक्त वाहनों को चलाना किसी भी चालक के लिए जोखिम भरा काम होता है। खासकर नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे पर तो ड्राइ¨वग के वक्त बहुत ही सावधानी बरतनी होती है।
दरभंगा । ठंड के दिनों में रात के वक्त वाहनों को चलाना किसी भी चालक के लिए जोखिम भरा काम होता है। खासकर नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे पर तो ड्राइ¨वग के वक्त बहुत ही सावधानी बरतनी होती है। थोड़ी सी भी असावधानी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। प्रतिवर्ष ठंड के दिनों में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा काफी बढ़ जाता है। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर इस दिशा में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। सड़कों पर न तो सफेद, पीला लाइनों ही दिखाई देती है न तो रोड डिवाइडर पर रेडियम या फिर अन्य सुरक्षा मानक। दुर्घटनाओं का दूसरा सबसे बड़ा कारण सड़क किनारे गाड़ियों को जहां-तहां खड़ा करना है। इस पर भी संबंधित विभाग का कोई लगाम नहीं है। दरअसल धुंध के दिनों में सड़कें सही ढंग से दिखाई नहीं देती। लोगों को ये तक पता नहीं होता कि वे सड़क के बीचों-बीच गाड़ी चला रहे हैं या फिर एकदम से सड़क के किनारे। ऐसा में सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों से उनकी गाड़ी टकरा जाती है। जानकारों की मानें तो जिला परिवहन विभाग और नगर निगम प्रशासन दुर्घटनाओं का इंतजार करता रहता है। शहर में पथ निर्माण विभाग और जिला प्रशासन की ओर से जगह-जगह गाड़ी नहीं खड़ी करने का बोर्ड तो लगा दिया गया है, लेकिन इसका अनुपालन नहीं किया जा रहा है। भंडार चौक से बेला मोड़ जानेवाली सड़क पर एफसीआइ गोदाम के सामने सड़क के दोनों ओर ट्रकों की लाइन लगी रहती है। कई बार तो यात्री बाल-बाल बच गए हैं। बावजूद जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं, सरिया लदे कई ट्रकों में बिना किसी सुरक्षा मानकों के बाहर की ओर झूलता छोड़ दिया जाता है। ऐसे में एकाएक ब्रेक लगाने के कारण पीछे से आ रहे वाहनों को नुकसान पहुंचता है।
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घने कोहरे में गंवानी पड़ी थी हाथ :
घने कोहरे में एक्सीडेंट के शिकार गुल्लोबाड़ा निवासी प्रमोद पंडित उस रात को याद करते सहम जाते हैं, जिस दिन एक्सीडेंट में उनको अपनी एक हाथ गंवानी पड़ी थी। बताते हैं कि घने कोहरे के बीच सड़क किनारे खड़ा ट्रक दिखाई नहीं दे रहा था। गाड़ी की स्पीड ज्यादा होने के कारण उनकी गाड़ी ट्रक से टकरा गई। इस दुर्घटना में उनका हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया। बाद में उसे काटकर हटाना पड़ा। बताया कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है। वहीं, कमतौल के सुमन साह ने बताया कि वे सड़क पार कर रहे थे। इतने में ही एक तेज रफ्तार गाड़ी की चपेट में वो आ गए। दुर्घटना में उनके सिर पर गंभीर चोट आई। महीनों अस्पताल में रहने के बाद में ठीक हुए।
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