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सुदामा जी जैसे भक्त ही भगवान को पा सकते : पुंडरीक

बिरौल प्रखंड के कमलपुर दसौत स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के प्रांगण में चल रहे भागवत कथा के अंतिम दिन कथावाचक डॉ. पुंडरीक जी महाराज ने श्रीकृष्ण सुदामा प्रसंग की व्याख्या की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 01:41 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 01:41 AM (IST)
सुदामा जी जैसे भक्त ही भगवान को पा सकते : पुंडरीक

दरभंगा । बिरौल प्रखंड के कमलपुर दसौत स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के प्रांगण में चल रहे भागवत कथा के अंतिम दिन कथावाचक डॉ. पुंडरीक जी महाराज ने श्रीकृष्ण सुदामा प्रसंग की व्याख्या की। श्रोता आह्लादित और भाव विभोर हो उठे। कहा कि सुदामा जी जैसे भक्त ही भगवान को पा सकते हैं। ईश्वर की भक्त के प्रति क्या आस्था रहती है जो इस प्रसंग से सुनने को मिला जो दीनहीन सुदामा को अपने ह्रदय से लगा कर सर्वस्व देने को तैयार हो गए। यही आस्था भगवान को एक भक्त के साथ होता है। उद्धव कृष्ण प्रसंग की भी व्याख्या की। कहा कि निर्मल हृदय निश्चल मन ही परमात्मा के साथ एकाकार हो सकता है जहां जरा भी मोह क्रोध होगा वहां परमात्मा का निवास कदापि नहीं हो सकता है। मौके पर गोविदाचार्य जी महाराज, दिवाकांत राय, राजेश मिश्रा, शिवशंकर राय, राजकुमार मिश्र, दीपक झा, माधव राय, कृष्ण कुमार राय आदि उपस्थित थे।

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