बागवानी और पेड़-पौधे लगाकर लाखों कमा रहें दिनेश भगत
दरभंगा। बागवानी और पेड़-पौधे लगाकर अच्छी आमदनी कर किसान मिसाल पेश कर रहे हैं।
दरभंगा। बागवानी और पेड़-पौधे लगाकर अच्छी आमदनी कर किसान मिसाल पेश कर रहे हैं। जी हां मल्हीपट्टी उत्तरी पंचायत के श्रीपुरबहादुरपुर गांव के 61 वर्षीय किसान दिनेश भगत इन दिनों बागवानी और पेड़-पौधे लगाकर मिसाल कायम कर रहे हैं। दसवीं तक पढ़ाई करने के किसान दिनेश भगत ने खेती को आमदनी का जरिया बनाया। 1972 से लगातार बागवानी और पेड़-पौधे लगाकर किसान क्षेत्र में अन्य किसानों को भी जागरूक कर बागवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं। 2 एकड़ में पान व सब्जी की खेती, 4 एकड़ में आम के 400 पेड़ सहित धान, गेहूं, अरहर, तिलहन एवं 5 एकड़ में विभिन्न तरह की सब्जियां लगाकर प्रति वर्ष चार लाख रुपये कमा रहे हैं। नेट हाउस बनाकर इसके अंदर मीठा, देशी, कलकतिया व घनगिरह पान की खेती कर रहे हैं। खेतों में फसलों की सिचाई ड्रिप पद्धति से करते हैं। खेत से उपजे हुए उत्पादों को लोकल मंडियों में बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। खेती के बदौलत जीवन-यापन के साथ-साथ अपने बच्चों को पढाई-लिखाई सहित बजत भी कर रहे हैं। हैं। साथ ही क्षेत्र के किसानों को भी आधुनिक खेती के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। किसान दिनेश भगत ने बताया कि खेती घाटे का सौदा नहीं है। यदि कोई किसान आधुनिक तकनीक व जुनून के साथ खेती करेंगे तो सफलता सुनिश्चित है। कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले कृषि योजनाओं का लाभ ले रहा हूं, साथ ही अन्य किसानों को सरकारी लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित करता रहता हूं। खेती आरंभ करने से पहले कृषि विज्ञान केंद्र जाले, आत्मा दरभंगा, वाराणसी, कृषि विज्ञान केंद्र पूसा के अलावा देश के कई कृषि विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण प्राप्त करना पड़ा है। इतना ही नहीं जिले के किसान बेहतर खेती कर सके इसके लिए चौरसिया किसान समूह का गठन किया भी किया हूं। समूह में 22 किसान हैं। किसान की संख्या 22 है। सभी किसानों को बेहतर खेती का गुर सिखाता हूं। प्रखंड कृषि पदाधिकारी गनौरी प्रसाद ने बताया कि किसान अपनी मेहनत के बूते ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। इसके लिए सरकार कई योजनाएं चला रखी है। इसका लाभ उठाने के लिए ज्यादा से ज्यादा किसानों को आगे आना होगा। आज किसान दिनेश भगत ने सच्ची लगन और मेहनत के बल पर कामयाबी हासिल की है। अन्य किसानों को इन से प्रेरणा लेने की जरूरत है।
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