विदेशी सामानों का स्थाई रूप से हो बहिष्कार
दरभंगा। बदलते वक्त के साथ रह-रहकर चीन चालबाजी करता है। गलवन घाटी में हिसक झड़प में बीस से अधिक भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद देशभर में चीन के प्रति गुस्सा है।
दरभंगा। बदलते वक्त के साथ रह-रहकर चीन चालबाजी करता है। गलवन घाटी में हिसक झड़प में बीस से अधिक भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद देशभर में चीन के प्रति गुस्सा है। लोगों ने केंद्र सरकार से चीन की चालबाजी का करारा जवाब देने की अपील की है। बड़ी संख्या में लोग चीनी सामान का बहिष्कार कर रहे हैं। इसी बीच भारत सरकार ने चीन के टीक-टॉक सहित 58 एप को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके बाद से चीन की बौखलाहट देखी जा सकती है। चीनी एप पर प्रतिबंध के बाद जगह-जगह लोग चीन निर्मित सामानों का बहिष्कार करते भी देखे जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि देसी ही चाहिए, भले ही क्वालिटी थोड़ी कमजोर क्यों न हो।
भारत सरकार को देश में स्वदेशी सामान को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी रूप से वैज्ञानिक व इंजीनियरों का मनोबल बढ़ाना चाहिए। इनके स्किल को बढ़ाने के लिए भारत में तकनीकी सामान का उत्पादन ज्यादा से ज्यादा करना होगा। चीन सहित अन्य देशों के सामान के बहिष्कार का नारा सदियों से लगते आ रहा है। लेकिन इसको ले कभी ठोस कदम नहीं उठाया गया। स्थाई रूप से इस क्षेत्र में काम करने की जरूरत है। अस्थाई रूप से चीन के सामानों का बहिष्कार करने से कोई फायदा नहीं पहुंचेगा। जरूरत है कि भारतीय स्किल को मजबूत किया जाए। डॉ. मानस बिहारी वर्मा, वैज्ञानिक --------------- भारत ने चीन के 59 एप पर प्रतिबंध लगा दिया है। टिक-टॉक सहित दर्जनों चीनी एप यूज करने वाले यूजर्स पर मानसिक तनाव दिख सकता है। इससे बचने के लिए यूजर्स को ध्यान, योग और अन्य गतिविधियों में मन लगाना पड़ेगा। सभी चीजों का विकल्प है, सकारात्मक सोच के साथ दिनचर्या शुरू करने से तनाव मुक्त रहा जा सकता है। डॉ. उपेंद्र पासवान, मनोचिकित्सक