चीन की नीति को ले शुरू से उठते रहे सवाल, अब जवाब देने का समय
दरभंगा। चीन की नीति को लेकर शुरू से ही सवाल उठते रहे हैं। रह-रहकर चीन की चालबाजी सामने आती रही है।
दरभंगा। चीन की नीति को लेकर शुरू से ही सवाल उठते रहे हैं। रह-रहकर चीन की चालबाजी सामने आती रही है। एक बार फिर चीन के कायराना हरकत ने पूरे देश में आक्रोश भर दिया है। गलवन घाटी में हिसक झड़प में बीस से अधिक भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद देशभर में चीन के प्रति गुस्सा है। लोग चाहते हैं कि केंद्र सरकार चीन को इस हरकत का करारा जवाब दे। इसके साथ ही लोगों ने चीनी सामानों के बहिष्कार का फैसला भी किया है। लोग अब इस बात को लेकर मन बना चुके हैं कि क्वालिटी भले ही कमजोर मिले पर देसी ही चाहिए। चीन के साथ भारत के रिश्ते हमेशा से तल्ख रहे हैं। वर्तमान हालात में चीन के प्रति भारतीयों के मन में आक्रोश काफी बढ़ चुका है। देश में जगह-जगह चीन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। देश में चीनी राष्ट्रपति का पुतला जलाया जा रहा है। ------------ यही सही समय है चीन को जवाब देने का। अभी पूरे विश्व में चीन की किरकिरी हो रही है। ऐसे में यदि भारत में देसी सामानों की खरीद बढ़ेगी तो चीनी सामान स्वत: यहां के बाजार से बाहर होते जाएंगे। यह अब हो भी रहा है। लोग चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं। देसी सामानों की खरीद भी बढ़ रही है। आज भारत पूरे विश्व में एक बड़ा बाजार बन चुका है। यह चीन के लिए भी बड़ा बाजार है। चीनी सामानों की बड़ी मात्रा में यहां खपत होती है। इसे रोककर हम चीन को आर्थिक मोर्चे पर पटकनी दे सकते हैं। - प्रो. रतन कुमार चौधरी, डीएसडब्ल्यू, लनामिवि ----------- चीन की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भारतीय बाजार का अहम योगदान रहा है। यदि चीनी सामानों का हम बहिष्कार करते हैं तो चीन के लिए यह बड़ी आर्थिक चोट होगी। हालांकि, अभी भी बाजारों में चीनी सामान भरे पड़े हैं। जिन दुकानदारों के पास चीनी सामानों की खेप है, वे चाहेंगे कि किसी तरह उनका माल बिक जाए, ताकि उन्हें नुकसान ना उठाना पड़े। यह भी जरूरी है कि आम जनता के साथ ही सरकार भी विभिन्न स्तरों पर चीन का सहयोग लेना बंद करे। गलवन घाटी की घटना के बाद चीनी सामानों के बहिष्कार का ट्रेंड बढ़ रहा है, यह अच्छी बात है। - डॉ. कुलानंद यादव, पूर्व परीक्षा नियंत्रक, लनामिवि -------------- चीनी सामानों से भारतीय बाजार को मुक्त करने के लिए क्रमिक प्रयास की जरुरत है। एक तरफ आम लोग चीन के सामानों को खरीदने से परहेज करें, वहीं दूसरी ओर सरकार लघु व मध्यम स्तर के उद्योगों को बढ़ावा दे। इससे देश में उत्पादन बढ़ाने का माहौल तैयार होगा जिससे हम चीनी सामानों की कमी को बाजार में पूरा कर सकेंगे। अगर जनता व सरकार के स्तर पर साथ-साथ प्रयास किए जाएं तो अगले एक-दो सालों में हम भारतीय बाजारों को चीनी सामानों से मुक्त करने में सफल हो सकते हैं। - डॉ. गीतेंद्र ठाकुर, चिकित्सा पदाधिकारी, लनामिवि --------- कोरोना काल में चीन की छवि को और धक्का लगा है। पूरा विश्व आज चीन को अपने-अपने स्तर से किनारे करने की कोशिशों में जुटा है। लॉकडाउन के दौरान हमारी अर्थव्यवस्था भी स्थिर थी, लेकिन अनलॉक में यह एक बार फिर गतिशील हो चुकी है और इसकी रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में यह बेहतर समय है जब हम चीन को करारा जवाब दे सकते हैं। आज सबसे जरूरी है देसी उत्पादों के उत्पादन को बढ़ाने की और लोगों को इसके लिए जागरूक करने की ताकि वे देसी सामानों का अधिक उपभोग करें। चीन के लिए यह सैन्य युद्ध से भी बड़ी चोट होगी। - प्रो. एनके अग्रवाल, गणित विभागाध्यक्ष, लनामिवि -------------