उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर की जनकल्याण की कामना
दरभंगा। लोक आस्था का महापर्व चैती छठ मंगलवार को लॉकडाउन के बीच संपन्न हो गया। लोगों ने अपने -अपने घरों में बने कृत्रिम तालाब में अस्ताचलगामी व उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर परिवार व विश्व के कल्याण की कामना की।
दरभंगा। लोक आस्था का महापर्व चैती छठ मंगलवार को लॉकडाउन के बीच संपन्न हो गया। लोगों ने अपने -अपने घरों में बने कृत्रिम तालाब में अस्ताचलगामी व उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर परिवार व विश्व के कल्याण की कामना की। पूजा के दौरान घरों का माहौल भक्तिमय बना रहा। शहर के विभिन्न तालाबों व नदी घाटों पर इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए आस्था का जन सैलाब नहीं उमड़ा।
इस बार सड़कों पर सिर पर रन्ना माई के अर्घ्य का डाला लिए श्रद्धालु नंगे पांव घाट की ओर जाते नजर नहीं आए। इस बार अपनी, अपने परिवार व समाज की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन के निर्देश पर लोगों ने अपने घरों में ही पूजा का आयोजन किया। हालांकि, पूर्व से भी कई छठ व्रती घरों में कृत्रिम जलाशय बनाकर अर्घ्य देते आए हैं, लेकिन इस बार सभी छठ व्रतियों ने ऐसा ही किया। घर के आंगन या छत पर कृत्रिम जलाशय बनाकर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान घरों में छठी मैया के गीत गूंजते रहे।