रेलवे कर रहा अजब-गजब: गंगासागर में बह रही उलटी गंगा, कोच का पता नहीं, कर रहे बुकिंग...
रेलवे बिहार में माह भर से अजब-गजब खेल कर रहा है। जयनगर से सियालदह जाने वाली ट्रेन में टू एसी का कोच नहीं लगने के बावजूद टिकटों की बुकिंग हो रही है। पढ़ें इस खबर में क्या है मामला।
दरभंगा, विभाष झा। 'यात्रीगण कृपया ध्यान दें। जयनगर से चलकर सियालदह जाने वाली 13186 गंगासागर एक्सप्रेस से एसी टू में सफर करने वाले मुसाफिरों को थ्री एसी से भेजा जा रहा है।' जी हां, रेलवे का यह अजब-गजब खेल एक माह से भी अधिक समय से चल रहा है। ऐसा कर रेलवे प्रतिदिन यात्रियों की जेब से तकरीबन 40 हजार रुपये काट रहा है, जबकि रेलवे का नियम कहता है कि एसी टू का टिकट एसी वन में अपग्रेड हो सकता है।
ट्रेन में बैठने के बाद मिलती है जानकारी
समस्तीपुर रेल मंडल सेकेंड एसी के यात्रियों को थर्ड एसी में भेज रहा है। मुसाफिरों को इस गोरखधंधे की जानकारी ट्रेन में बैठने के बाद मिलती है। यात्रियों की यह भलमनसाहत ही है कि वे ऐसा एक दिन की कारगुजारी मानकर बगैर किसी विरोध की यात्रा कर लेते हैं। लेकिन, यह कहानी हर दूसरे दिन महीने भर से दोहराई जा रही है।
कहती हैं बबीता लोढ़ा
इसकी पुष्टि करते हुए गुल्लोबाड़ा की बबीता लोढ़ा ने बताया कि वे 10 दिन पहले सियालदह से दरभंगा आ रही थीं। उस वक्त भी एसी टू की जगह थ्री में सीट दी गई। ऐसा जाने वक्त भी हो रहा है। बताया कि तीन घंटे पहले ऐसा मैसेज आया था। धिवित गुप्ता ने बताया कि रेलवे यात्रियों को ठग रहा है। टू एसी का पैसा लेकर थ्री में भेजा जा रहा है। पैसा रिफंड की प्रक्रिया काफी कठिन की गई है। लिहाजा यात्री उस पैसे से हाथ धो बैठते हैं।
कोच नहीं, फिर भी टिकटों की बुकिंग
सबसे आश्चर्य की बात यह है कि ट्रेन में टू एसी का कोच नहीं लगने के बावजूद टिकटों की बुङ्क्षकग जारी है। हद तो यह कि रिजर्वेशन कांउटर पर भी ऐसी कोई सूचना नहीं दी जाती। यात्रियों से इस ठगी के बारे में पूछे जाने पर सीनियर डीसीएम रिफंड की बात करते हैं। लेकिन, इसका कोई प्रमाण यात्रियों के पास नहीं है।
खेल इस तरह समझिए
टू एसी में 48 बर्थ होते हैं, जबकि थ्री एसी में 72। इस तरह थ्री एसी में बैठाकर रेलवे प्रतिदिन 24 बर्थ की अतिरिक्त कमाई कर रहा है। रेलवे की ओर से प्रतिदिन जो चार्ट तैयार किया जाता है, उसमें टू एसी में सफर करने वाले यात्रियों का नाम कोच नंबर के साथ अंकित रहता है। इस कारण इस ट्रेन से जाने वाले यात्रियों को इसका जरा भी एहसास नहीं होता। सोमवार को भी जारी रिजर्वेशन चार्ट इसका प्रमाण है।
कहते हैं अधिकारी
एक महीने से अधिक समय से गंगासागर में एसी टू का कोच नहीं लग रहा है। गंगासागर की ओनरशिप ईस्टर्न रेलवे के पास है। इसका हेडक्वार्टर कोलकाता है। उनके पास कोच की कमी है। कई सारे कोच डैमेज हैं। कोच की कमी के कारण थर्ड एसी लगा दिया गया। बुङ्क्षकग क्यों बंद होगी। बुङ्क्षकग 120 दिन पहले होती है। अचानक कोई चीज खराब हो जाती है तो उसका रिफंड होता है।
- वीरेंद्र कुमार, सीनियर डीसीएम, समस्तीपुर रेल मंडल।