महिला शिक्षा को समर्पित होगा लोहना संस्कृत कॉलेज, सिडिकेट ने दी सहमति
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में सोमवार को कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा की अध्यक्षता में सिडिकेट की बैठक हुई। इसमें कुल 23 एजेंडों पर चर्चा की गई। विद्वत परिषद से पारित दीक्षा समारोह के आयोजन प्रस्ताव को सिडिकेट ने हरी झंडी दे दी है।
दरभंगा । कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में सोमवार को कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा की अध्यक्षता में सिडिकेट की बैठक हुई। इसमें कुल 23 एजेंडों पर चर्चा की गई। विद्वत परिषद से पारित दीक्षा समारोह के आयोजन प्रस्ताव को सिडिकेट ने हरी झंडी दे दी है। साथ ही तय हुआ कि समारोह में डी.लिट की छह मानद उपाधि इस बार प्रदान की जाएगी। दीक्षा समारोह के आयोजन से संबंधित प्रस्ताव अब राजभवन भेजा जाएगा जहां से स्वीकृति मिलते ही तैयारी शुरू हो जाएगी। प्रस्ताव के अनुसार दीक्षा समारोह का आयोजन नवंबर माह के प्रथम सप्ताह में होना है। बता दें कि लनामिविवि में 12 नवंबर को दीक्षा समारोह की स्वीकृति पूर्व में ही राजभवन से मिल चुकी है। ऐसे में एक बार फिर दोनों विश्वविद्यालयों में एक ही दिन दीक्षा समारोह आयोजित होने की संभावनाएं चर्चा में आ गई है। विद्वत परिषद के निर्णयों पर विचार करते हुए व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत न्यास योग एवं तनाव प्रबंधन में डिप्लोमा, दो वर्षीय योग में एमए, छह मासीय मिथिलाक्षर एवं पंचकर्म में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम संचालन पर भी परिषद ने सामूहिक मुहर लगा दी गई। विद्वत परिषद के अन्य निर्णयों को भी अनुमोदित कर दिया गया। इसी प्रकार, क्रय-विक्रय समिति के निर्णयों पर चर्चा करते हुए सूखी दिग्घी पोखर एवं दिवानी तकिया के भूखंड की अगले तीन सालों के लिए बंदोबस्ती करने के निर्णय को पारित कर दिया गया। अनुकंपा के आधार पर कुल 18 पाल्यों की नियुक्ति के प्रस्ताव को भी सिडिकेट ने अपनी मुहर लगा दी। विश्वविद्यालय मुख्यालय लक्ष्मीश्वर विलास पैलेस के जीर्णोद्धार को देखते हुए भवन में संचालित हो रहे कार्यालयों सहित कुलपति सचिवालय को तत्काल परीक्षा भवन में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। वहीं भवन के एक भाग में चल रहे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा को वर्तमान कुलपति सचिवालय भवन में शिफ्ट किया जाएगा। नैक मूल्यांकन को देखते हुए विश्वविद्यालय में कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन करने पर सहमति बनी। इसके अंतर्गत अखिल भारतीय शास्त्रीय स्पर्धा, अंतर महाविद्यालय क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता, अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन, पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन, प्रधानाचार्यों के लिए संस्कृत संभाषण शिविर, संस्कृत व विज्ञान पर कार्यक्रम समेत कई आयेाजनों को स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही बारहवीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत बची शेष राशि को विहित प्रक्रिया के तहत खर्च करने का निर्णय पारित किया गया। बता दें कि इस योजना के तहत प्राप्त राशि में से व्यय की गई राशि की उपयोगिता विश्वविद्यालय भेज चुका है। शेष राशि को खर्च करने की समय सीमा 31 मार्च 2020 तक के लिए बढ़ा दी गई है। बैठक में महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए लोहना स्थित संस्कृत कॉलेज को महिला संस्कृत कॉलेज में परिवर्तित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। सीनेट से इस निर्णय को हरी झंडी मिलते ही सरकार को इससे संबंधित प्रस्ताव भेजा जाएगा। तीन कॉलेजों के डोनर मनोनयन को भी अनुमोदित किया गया। इसके तहत ऋषिकुलाश्रम संस्कृत उपशास्त्री महाविद्यालय, संग्रामपुर पश्चिम चंपारण में हरदेवानंद सरस्वती, रावणेश्वर संस्कृत महाविद्यालय, गिद्धौर जमुई में संगीता सिंह एवं महंथ वैदेही शरण संस्कृत महाविद्यालय, नवगछिया में सीताराम ठाकुर को डोनर मनोनित किया गया। बैठक में प्रतिकुलपति प्रो. चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह, डीएसडब्ल्यू डॉ. शिवाकांत झा, कुलानुशासक डॉ. सुरेश्वर झा, विधान पार्षद डॉ. दिलीप चौधरी, डॉ. अजीत चौधरी, डॉ. कन्हैया चौधरी, शकुंतला गुप्ता, डॉ. हरेंद्र किशोर झा, डॉ. रेणुका सिंहा, डॉ. अनिल कुमार ईश्वर, डॉ. घनश्याम मिश्र, कुलसचिव नवीन कुमार, प्राधिकार प्रभारी डॉ. श्रीपति त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
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