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मिल्लत कॉलेज में छह विषयों में बिना शिक्षक हो रही पढ़ाई

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का अंगीभूत मिल्लत कॉलेज शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। इसके कारण कॉलेज का शैक्षणिक माहौल बुरी तरह प्रभावित है। वर्तमान में कॉलेज में प्रधानाचार्य का पद भी रिक्त है। कॉलेज के वरीयतम शिक्षक ही प्रधानाचार्य के प्रभार में हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 12:45 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 06:29 AM (IST)
मिल्लत कॉलेज में छह विषयों में बिना शिक्षक हो रही पढ़ाई

दरभंगा । ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का अंगीभूत मिल्लत कॉलेज शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। इसके कारण कॉलेज का शैक्षणिक माहौल बुरी तरह प्रभावित है। वर्तमान में कॉलेज में प्रधानाचार्य का पद भी रिक्त है। कॉलेज के वरीयतम शिक्षक ही प्रधानाचार्य के प्रभार में हैं। सरकार भले ही उच्च शिक्षा की बदहाली को दूर करने के लिए पानी की तरह पैसे बहा रही हो और लगातार दावा कर रही हो, लेकिन उन दावों की हकीकत इन कॉलेजों की वास्तविक स्थिति को देख कर पता चलता है। कॉलेज में प्रधानाचार्य सहित शिक्षकों के कुल 28 पद स्वीकृत हैं जिनमें से वर्तमान में मात्र 15 शिक्षक कार्यरत हैं। कॉलेज में आधारभूत संरचना का तो काफी हद तक विकास कर लिया गया है, लेकिन यह विकास कॉलेज के मूल उद्देश्य को पूरा करने में सहायक भूमिका नहीं निभा पा रहे। कई विषयों में शिक्षक ही नहीं हैं, बावजूद उन विषयों में नामांकन हो रहे हैं और छात्र परीक्षा भी पास कर रहे हैं। यह सब कैसे हो रहा, सब जानते हैं, लेकिन इसके समाधान की दिशा में कैसे पहल हो यह कोई नहीं बोलता। सरकार भी इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि कॉलेजों में शिक्षकों के अभाव में पठन-पाठन ठप है। छात्र यहां के कॉलेजों में नामांकन कराते हैं और पढ़ाई के लिए दूसरे राज्यों का रूख करते हैं। इस शैक्षणिक पलायन को रोकने के लिए सबसे अहम कुछ है तो वह है पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति, जिस दिशा में सरकार मौन है। बीपीएससी के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई जो काफी धीमी रही। ऐसे में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति को बदहाल ही कहा जा सकता है।

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छह विषयों में एक भी शिक्षक नहीं :

मिल्लत कॉलेज में छह विषयों में एक भी शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। इनमें राजनीति विज्ञान, इतिहास, भूगोल, समाजशास्त्र, गृहविज्ञान व वाणिज्य विषय शामिल हैं। इन विषयों में नामांकन लेने वाले छात्र बिना कक्षा के ही परीक्षा में शामिल होते हैं। दिलचस्प यह कि वाणिज्य विषय छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय है। कॉलेज में इंटर से लेकर स्नातक तक में वाणिज्य विषय में करीब 1100 सीटें नामांकन के लिए उपलब्ध है, लेकिन इस विषय में शिक्षक का होना तो दूर, शिक्षक का पद भी स्वीकृत नहीं है।

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एक शिक्षक के भरोसे चल रहे 12 विषय :

कॉलेज में कुल 12 विषयों के विभाग एकमात्र शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। इनमें उर्दू, पर्सियन, अंग्रेजी, हिदी, अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र, मैथिली, भौतिकी, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान व गणित विषय शामिल हैं। अंग्रेजी विषय में दो शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन उनमें से एक शिक्षक के प्रभारी प्रधानाचार्य बनने के बाद यह विषय भी एकमात्र शिक्षक के भरोसे रह गया है।

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