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विपिन ने की पौधों की रखवाली तो स्कूलों में आई हरियाली

बक्सर विभिन्न मांगलिक आयोजनों के अवसर पर लोगों को पौधा भेंट कर पर्यावरण संरक्षण की अनूठी शुरूआत कर लोगों को प्रेरित करने वाले जिले के धनसोई निवासी पर्यावरण मित्र शिक्षक विपिन कुमार ने पौधों की रखवाली शुरू की तो स्कूलों में भी हरियाली आ गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 11:30 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 11:30 PM (IST)
विपिन ने की पौधों की रखवाली तो स्कूलों में आई हरियाली
विपिन ने की पौधों की रखवाली तो स्कूलों में आई हरियाली

बक्सर : विभिन्न मांगलिक आयोजनों के अवसर पर लोगों को पौधा भेंट कर पर्यावरण संरक्षण की अनूठी शुरूआत कर लोगों को प्रेरित करने वाले जिले के धनसोई निवासी पर्यावरण मित्र शिक्षक विपिन कुमार ने पौधों की रखवाली शुरू की तो स्कूलों में भी हरियाली आ गई। पर्यावरण प्रहरी के रूप में विपिन ने आज पौधादान को परंपरा बना उपहार का स्वरूप ही बदल दिया है। यही कारण है कि उन्हें दीदी जी फाउंडेशन के तत्वावधान में बाल उड़ान सह राष्ट्रीय सम्मान समारोह में पर्यावरण सुरक्षा के निमित्त सम्मान प्रदान किया गया। पटना के कालीदास रंगालय में आयोजित उक्त कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक सरोकार से जुड़े विभिन्न आयामों के योद्धाओं को सम्मानित किया गया। इसमें आसा पर्यावरण के संयोजक विपिन कुमार को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उक्त कार्यक्रम में पुणे, नागपुर, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि देश के विभिन्न प्रांत एवं शहरों से लोग पहुंचे हुए थे। विपिन ने बताया कि वर्ष 2017 में एक तिलक समारोह से उन्होंने पौधा भेंट करने की परंपरा की शुरूआत की और अब तक वह ऐसे आयोजनों में हजारों पौधे भेंट कर चुके हैं। अब तो शिक्षकों का समूह भी उनके साथ जुड़ गया है। उनके साथ जुड़े शिक्षक भी ऐसे आयोजनों में उनका सहयोग करते हैं।

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स्कूलों में पौधारोपण कर हरियाली को सींचा विपिन ने बताया कि सीआरसीसी के रूप में मोहनपुर मध्य विद्यालय से उन्होंने हरियाली को सींचने का काम शुरू किया। तत्पश्चात, धनसोई मध्य विद्यालय, हरिनारायण सह जनता कॉलेज धनसोई समेत जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्थित दर्जनों स्कूलों में उन्होंने पौधरोपण किया और हरियाली की अलख जगाई। आज लोग इसको लेकर जागरूक हो रहे हैं। सूखती नदी को देख मिली थी पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा

विपिन ने बताया कि गांव में कल-कल करती नदी को जब उन्होंने सूखते देखा तो उनके मन में विचार आया कि अगर हम आज नहीं चेतते हैं तो हमारा कल कितना भयावह होगा। और उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का न केवल संकल्प लिया बल्कि इसको अपना मिशन बना लिया। फिर क्या था वर्ष 2017 से प्रारंभ हुआ कारवां आज भी लगातार चल रहा है। बेहतर कार्य के लिए कई बार मिला है सम्मान

पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए विपिन को पहली बार यह सम्मान नहीं प्राप्त हुआ है। इससे पहले भी उन्हें वर्ष 2018 में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं एसोसिएशन फॉर स्टडी एवं एक्शन आसा तथा बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में सम्मानित किया जा चुका है। यही नहीं, वन विभाग से उन्हें पर्यावरण योद्धा का भी सम्मान मिल चुका है।


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