बक्सर के सनातन समागम में बोले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अपने से पहले विश्व कल्याण की बात कहता है भारत
बक्सर में आयोजित सनातन संस्कृति सम्मेलन में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पहुंचे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने ऐसा एक जीवन दर्शन दिया है कि आप यदि विचार करते हैं कि आदर्श पुत्र कैसा होना चाहिए आदर्श पिता और राजा कैसा होना चाहिए।
जागरण संवाददाता, बक्सर : बक्सर के अहिल्याधाम में आयोजित सनातन संस्कृति सम्मेलन में सोमवार को भाग लेने पहुंचे केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भगवान श्रीराम ने ऐसा एक जीवन दर्शन दिया है कि आप यदि विचार करते हैं कि आदर्श पुत्र कैसा होना चाहिए, आदर्श पिता और राजा कैसा होना चाहिए, इन सभी आदर्शों की कसौटी मानकर श्रीराम को आदर्श मानकर करते हैं। रामायण ने हमारे जीवन को संस्कारित और समृद्ध बनाया है। गडकरी ने कहा कि हम यह नहीं कहते कि मेरा कल्याण हो, भारत हमेशा विश्व कल्याण की बात कहता है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ज्ञान, विज्ञान, तंत्र विज्ञान और अध्यात्म के बूते दुनिया में श्रेष्ठ भारत बनाना हमारा लक्ष्य है।
मेरा धर्म श्रेष्ठ और मेरा भगवान श्रेष्ठ
स्वामी विवेकानंद की शिकागो यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विवेकानंद जी ने कहा था कि मेरा धर्म श्रेष्ठ है और मेरा भगवान श्रेष्ठ है, यह कहने के लिए मैं यहां नहीं आया हूं, आप जिस भी धर्म या भगवान पर विश्वास करते हैं, अंत में वह आपको आपके उद्देश्य तक पहुंचाता है। मंत्री ने कहा कि भारत हमेशा विश्व कल्याण की बात करता है, इसलिए पूरी दुनिया में भारत की संस्कृति की बहुत इज्जत है। यहां पारिवारिक मूल्य हमारी संस्कृति में रचे-बसे हैं।
संस्कार और संस्कृति भी हमारे लिए आवश्यक
ब्रिटेन के संसद में भाषण देने गए यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां भारत की समस्या के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गरीबी वहां की समस्या है, जिसको हमलोग दूर करना चाहते हैं, तो वहां के सांसद ने कहा कि टूटते परिवार और लीव-इन रिलेशनशिप आपकी समस्या नहीं है। मैंने कहा कि जीवन मूल्य हमें विरासत में मिले हैं। हमारे दर्शन हमारे परिवार और समाज को एक रहना सिखाता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति और धन सब हमारे लिए आवश्यक है, लेकिन हमारे संस्कार और संस्कृति भी हमारे लिए आवश्यक है।
धर्म समाज को जोड़ता है- आरिफ मोहम्मद खान
सनातन संस्कृति समागम के मंच से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान के दर्शन पर चर्चा करते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि श्रीराम के जीवन से जो संदेश मिलता है, वही भारत की एकता को बनाए रखे हुए है। हमारे संस्कार और सामाजिक मर्यादा भारतीय समाज की विशेषता है। भारत दुनिया की ऐसी संस्कृति है, जो भाषा और रस्मों से एक नहीं होती, बल्कि मनीषियों ने जो अध्यात्म दिया, उससे एक होती है। यहां अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं, अलग-अलग रस्में हैं, इसी समागम में अलग-अलग प्रदेशों से लोग आए हुए हैं, लेकिन आध्यात्म के स्वरूप में भारत एक है। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने अपने रामराज्य में जनसेवा का इस्तेमाल नहीं किया, अपनी प्रजा की पूजा शब्द का इस्तेमाल किया।