चिकित्सक चौबीस घंटे में दें प्रतिवेदन
बक्सर । माननीय उच्च न्यायालय ने असैनिक शल्य चिकित्सा पदाधिकारी व आरक्षी अधीक्षक से अपने जिले में ज
बक्सर । माननीय उच्च न्यायालय ने असैनिक शल्य चिकित्सा पदाधिकारी व आरक्षी अधीक्षक से अपने जिले में जख्म व पोस्टमार्टम प्रतिवेदन लंबित नहीं रहने का एफीडेविट उनसे मांगा है। इसके साथ ही उसने चिकित्सकों को दोनों मामलों में चौबीस घंटे के अंदर कोर्ट को जांच प्रतिवेदन सौंपने का आदेश दिया है।
प्रतिवेदन पूरी तरह कंप्यूटराइज होना अनिवार्य है। इससे न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाई जा सकती है।
उनके जांच प्रतिवेदन के अभाव में कई मामले सुनवाई काफी विलंब हो जाता है। चिकित्सकों के प्रतिवेदन से पहले पुलिस चार्ज सीट कोर्ट को सौंप देता है। इसका खुलासा तब होता है। जब कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान सभी साक्ष्यों को गंभीरता से छानबीन शुरु होती है। न्यायालय सूत्रों के मुताबिक इस मामले में उच्च न्यायालय ने बक्सर व डुमरांव के असैनिक शल्य चिकित्सा पदाधिकारी सहित आरक्षी अधीक्षक से अपने क्षेत्र व किसी भी थाना क्षेत्र में चिकित्सकों का जख्म जांच प्रतिवेदन लंबित नहीं होने का एफीडेविट मांगा है। उसने आदेश दिया है कि, चिकित्सक जख्म जांच प्रतिवेदन को कंप्यूटराइज करा कर उस पर अपना नाम बड़े अक्षर में मोबाइल नम्बर के साथ दे। जिससे किसी भी समय कोर्ट जरुरत के मुताबिक उनसे संपर्क कर सके। न्यायालय के आदेश को सख्ती से पालन करने का उसने आदेश दिया है। ऐसा नहीं करने वाले चिकित्सा पदाधिकारी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।