कुहासा आने से पहले ही ट्रेन की बिगड़ी चाल
कुहासा शुरू होते ही रेलवे के पास ट्रेनों के लेट चलने का पुख्ता बहाना मिल जाता है, लेकिन अभी न तो कोहरा है और न ही मौसम बेरंग है। इसके बावजूद अधिकांश मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें घंटों देरी से चल रही हैं।
बक्सर । कुहासा शुरू होते ही रेलवे के पास ट्रेनों के लेट चलने का पुख्ता बहाना मिल जाता है, लेकिन अभी न तो कोहरा है और न ही मौसम बेरंग है। इसके बावजूद अधिकांश मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें घंटों देरी से चल रही हैं। छठ पर्व मनाने घर आए यात्रियों को इससे भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और घंटों उन्हें प्लेटफॉर्म पर समय गुजारना पड़ रहा है।
पिछले एक सप्ताह दर्जनों एक्सप्रेस ट्रेनें आठ-दस घंटे विलंब से आ-जा रहीं है। ट्रेनों की लेटलतीफी पर गौर करें तो बीते आठ दिनों में एक दिन भी ऐसा नहीं हुआ जब अमृतसर से हावड़ा जाने वाली पंजाब मेल समय से गुजरी हो। हर दिन यह ट्रेन पांच से दस घंटे की देरी से डाउन में गुजर रही है। वहीं, हमेशा समय पर चलने वाली आनंद विहार-पटना जन साधारण एक्सप्रेस की भी यही स्थिति है। यह ट्रेन रोज निर्धारित समय से पांच घंटे लेट पहुंच रही है। शुक्रवार को पूर्वा एक्सप्रेस और श्रमजीवी एक्सप्रेस चार घंटे लेट पहुंची। वहीं, तूफान एक्सप्रेस और अजीमाबाद एक्सप्रेस पांच घंटे लेट बक्सर आई। कभी समय पर चलने को लेकर चर्चा में रहने वाली हवड़ा-हरिद्वार एक्सप्रेस शुक्रवार को साढ़े छ: घंटे लेट पहुंची। वहीं, कोटा-पटना का लेट होना जैसे इसकी नीयति बन चुकी है। शुक्रवार को भी यह अपने निर्धारित समय संध्या साढ़े छह बजे से दस घंटे लेट शनिवार की सुबह पहुंची। कोटा-पटना के लेट चलने से दैनिक यात्री परेशान
कोटा-पटना एक्सप्रेस के समय में बदलाव कर रेलवे ने बक्सर और आरा के यात्रियों को बड़ा तोहफा दिया था। कोटा से पटना की ओर दोपहर में गुजरने वाली ट्रेन का समय संध्या 6:31 कर दिया गया था। इससे दैनिक यात्रियों को काम करने के बाद पटना लौटने का विकल्प मिल गया था। लेकिन ट्रेनों की लेटलतीफी ने यात्रियों की खुशियों पर पानी फेर दिया। पिछले दो महीने में यह ट्रेन केवल तीन दिन समय पर स्थानीय स्टेशन से पटना की ओर गई है। दैनिक ट्रेन यात्री राजू ¨सह ने बताया कि कोटा-पटना यदि समय पर चले तो पटना और आरा जाने वाले यात्रियों को काफी सहूलियत मिले। वहीं, रेलवे के स्थानीय अधिकारी भी ट्रेनों के लेट चलने की वजह बताने में असमर्थता जता रहे हैं।