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हत्या मामले में तीन को आजीवन कारावास की सजा

बक्सर। व्यवहार न्यायालय के एडीजे-2 की अदालत में शनिवार को हत्या मामले की सुनवाई की गई। कोर्ट ने तीन के विरुद्ध आरोप सिद्ध पाया। इसमें नितेश तिवारी मनोज उर्फ मनोरंजन तिवारी तथा गोलू तिवारी का नाम शामिल है। तीनों को न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा का फैसला सुनाया। साथ ही सभी पर अलग-अलग धाराओं के तहत 26-26 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 05:35 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 05:35 PM (IST)
हत्या मामले में तीन को आजीवन कारावास की सजा
हत्या मामले में तीन को आजीवन कारावास की सजा

बक्सर। व्यवहार न्यायालय के एडीजे-2 की अदालत में शनिवार को हत्या मामले की सुनवाई की गई। कोर्ट ने तीन के विरुद्ध आरोप सिद्ध पाया। इसमें नितेश तिवारी, मनोज उर्फ मनोरंजन तिवारी तथा गोलू तिवारी का नाम शामिल है। तीनों को न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा का फैसला सुनाया। साथ ही, सभी पर अलग-अलग धाराओं के तहत 26-26 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

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घटना 3 अप्रैल 2017 को घटी थी। मामले में 10 के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। लेकिन, सात के विरुद्ध आरोप सिद्ध नहीं हुआ। कोर्ट ने उन्हें मुकदमे से बरी कर दिया। इस संबंध में अपर लोक अभियोजक अवधेश कुमार राय ने बताया कि ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के नैनीजोर गांव में घटना घटी थी। सभी अभियुक्त मिलकर ट्रैक्टर लेकर आ रहे भोला तिवारी को रास्ते में रोक लिया। लेकिन, वे ट्रैक्टर से कूदकर फरार होने का प्रयास कर रहे थे, इसी क्रम में अभियुक्तों ने ईंट से मारकर उनका पैर तोड़ दिया। घटना को देखते ही पीछे से बाइक से आ रहे उनका भाई प्रकाश उर्फ टोला तिवारी ने अपने भाई को बचाने का प्रयास किया। इसी बीच तीनों ने मिलकर कट्टे व बन्दूक से फायरिग शुरू कर दी। गोली टोला तिवारी के पेट, चेहरा और सिर में लगी। जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। घटना के बाद सभी अभियुक्त फरार हो गए। इस मामले में भोला तिवारी ने 10 के विरुद्ध ब्रह्मपुर थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके नीतीश तिवारी, मनोज उर्फ मनोरंजन तिवारी व गोलू तिवारी को कोर्ट ने दोषी पाया। वहीं, वीरेंद्र तिवारी, विनोद तिवारी, श्रीमन तिवारी, मुन्ना तिवारी, राजकिशोर तिवारी, भोला तिवारी एवं दीपक तिवारी को साक्ष्य के अभाव में मुकदमे से बरी कर दिया। उन्होंने बताया कि हत्या में तीनों को आजीवन कारावास की सजा और 25-25 हजार का जुर्माना लगाया। वहीं, आ‌र्म्स एक्ट में तीनों को तीन-तीन वर्ष की सजा और एक-एक हजार का जुर्माना लगाया गया। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। लेकिन, जुर्माने की राशि का अलग-अलग भुगतान करना होगा।


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